उदयपुर l राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राजस्थान सरकार के सदस्य एवं प्रदेश बालश्रम प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. शैलेंद्र पण्ड्या आज एक कार्यक्रम में शिरकत करने उदयपुर शहर के मध्य सुभाष नगर, भूपालपुरा थाना क्षेत्र में स्थित ओरिएंटल पैलेस रिसॉर्ट पहुँचे थे, बालश्रमिको को मौके पर श्रम कार्यो में लिप्त देख काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यवाही के आदेश जिला बाल कल्याण समिति को दिए, जिस पर चाइल्ड लाइन उदयपुर, भूपालपुरा पुलिस थाना एवं श्रम विभाग द्वारा रिसोर्ट की तुरन्त जाँच कर मौके से 4 बालश्रमिको को मुक्त करवाया गया l
चाइल्ड लाइन समन्वयक नवनीत औदिच्य ने जानकारी देते हुए बताया की बाल आयोग सदस्य डॉ. पण्ड्या के निर्देश पर जब रिसोर्ट की जाँच की गई तो 15 से 16 वर्ष के 4 बच्चे टॉयलेट साफ करते एवं रिसोर्ट हाउस कीपिंग कार्य में संलग्न मिले l सभी बच्चो का रेस्क्यू कर इन्हें बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के सामने प्रस्तुत किया तत्पश्चात इन्हें शेल्टर करवाया गया है l रिसोर्ट मालिक के खिलाफ भूपालपुरा पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है l
आयोग सदस्य डॉ. पण्ड्या आज बालिका शिक्षा पर संवाद कार्यक्रम में अतिथि रूप में सम्मिलित होने रिसोर्ट पहुंचे थे जहा कोरोना संक्रमण की स्थिति में नन्हे बच्चो से टॉयलेट साफ करवाने को देख काफी नाराजगी व्यक्त की जब बच्चो से उन्होंने बात की तो बाल श्रमिको ने बताया की वे यहाँ सुबह 9 से सांय 6 बजे तक कार्य करते है जिसके एवज में उन्हें 5 से 6 हजार रुपये का वेतन मिलता है l
डॉ. पण्ड्या ने चाइल्ड लाइन एवं श्रम विभाग को यह भी निर्देश दिए की वे जिले में संचालित अन्य होटल एवं रेस्टोरेंट की जाँच कर आयोग को सूचित करे। आयोग सदस्य ने बताया की इस तरह के मामलो में किशोर न्याय अधिनियम, श्रम अधिनियम, न्यूनतम वेजेज अधिनियम एवं अनुसूचित जाती-जनजाति अधिनियम में सख्त कार्यवाही होनी चाहिएl
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