उदयपुर। जिले के खेरवाड़ा में 11 साल की बालिका ने 4 दिंसबर को एक नवजात शिशु को जन्म दिया। मात्र 11 साल की बालिका द्वारा जन्म देने की सूचना अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को खबर दी थी।
अस्पताल प्रशासन की सुचना पर खेरवाड़ा थाना पुलिस अस्पताल पहुँच कर परिजनों से इस मामले की पूछताछ की। इस मामले में पहले पुलिस को शक था की यह मामला प्रेम प्रसंग का भी हो सकता है दूसरा शक ये भी था की शायद आरोपी नाबालिग भी हो सकता है लेकिन बाद में मामले की छानबीन में पाया गया की जबरन दुष्कर्म का मामला है।
मामले के आरोपी पिंटू उर्फ़ पकंज अहारी गिरफ्तारी के डर से इधर उधर पुलिस की नज़रो से छुपता रहा और ठिकाने बदल बदल कर बचने की कोशिश करता रहा। लेकिन आखिरकार रिपोर्ट दर्ज होने के महज 3 दिन में पुलिस ने आरोपी को ढूंढ निकला। मामला दर्ज होने की खबर के बाद आरोपी ने अपने नजदीकी दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क में रहना बंद कर दिया। पुलिस की 3 टीम गुजरात सहित संभवतः जगहों पर तलाश शुरू कर दी। पुलिस को जानकारी मिली की आरोपी नजदीकी गाँव में है। जानकारी के आधार पर पुलिस ने गाँव में दबिश की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी की मेडिकल जांच करवाई गयी। बाद में आरोपी को पोक्सो कोर्ट में पेश करने के पश्चात् न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
4 दिसंबर को जब 11 वर्षीय गर्भवती बालिका को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तब नाबालिग बालिका के परिजनों ने डूंगरपुर के राजकीय अस्पताल ले गए जहाँ नाबालिग ने बच्ची को जन्म दिया। पुलिस को इस सुचना की जानकरी मिली और मौके पर पुलिस पहुंची तब परिजनों ने बताया की आरोपी का उनके घर आना जाना था, उसी ने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है।
ऋषभदेव डीएसपी विक्रम सिंह ने बताया की परिजन सामाजिक दबाव और आपसी समझौते समझाइश के चलते घटना की जानकारी पुलिस को देना जरुरी नहीं समझा।
जानकारी के अनुसार आरोपी अपने चाचा के साथ गुजरात में रह कर ठेकेदार के साथ मजदूरी करता था। कोरोना काल में काम बंद होने की वजह से अपने गाँव में आ गया था। आरोपी का कई समय से बालिका के घर आना जाना था और आपस में एक दूसरे को जानते भी थे। पूछताछ के दौरान आरोपी ने दुष्कर्म करना कबूल किया और बताया की उसने नाबालिग को बहला फुसला कर जबरन सम्बन्ध बनाया था।
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