उदयपुर, 25 अक्टूबर 2024। शमशान की भूमि को निजी बताकर उदयपुर विकास प्राधिकरण (UDA) से फर्जी पट्टे जारी करने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक यूडीए का सेवानिवृत्त कर्मचारी भी शामिल है। पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है और अन्य अभियुक्तों की भूमिका को लेकर भी अनुसंधान जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रार्थी जितेन्द्र कोठारी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने भूवाणा क्षेत्र की एक भूमि को 2021 में हुसैनी से खरीदा था। जब उन्होंने इस भूमि के लिए पट्टा प्राप्त करने का प्रयास किया, तो उन्हें भूमि दलालों के माध्यम से अमित सोनी और विक्रम जैन से संपर्क कराया गया। इन दलालों ने उन्हें जल्द ही पट्टा दिलाने का आश्वासन दिया और चार लाख रुपये प्रति वर्गफीट की दर पर मोटी रकम की मांग की।
जितेन्द्र ने इन दलालों को कुल 14,60,000 रुपये की राशि दी, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि पट्टा फर्जी और कूटरचित है। इस धोखाधड़ी की शिकायत के बाद एसपी के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने यूडीए से रिकॉर्ड प्राप्त कर मामले की जांच शुरू की और पाया कि अमित सोनी और विक्रम जैन ने यूडीए के अधिकारियों के साथ मिलकर यह धोखाधड़ी की थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों में अमित सोनी और यूडीए के तत्कालीन नियमन शाखा के प्रभारी कैलाश शर्मा शामिल हैं। पुलिस अब अन्य संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है। इस मामले ने उदयपुर में भूमि संबंधी मामलों में धोखाधड़ी की गंभीरता को उजागर किया है, जिससे नागरिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है।
अधिकारी मामले की विस्तृत जांच के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। इसी के चलते गिरफ़्तारी के बाद पुलिस टीम द्वारा दोनों आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश किया और दोनों के लिए 7 दिनों का पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा था, इस पर आरोपियों के अधिवक्ता एडवोकेट रविंद्र सिंह हिरन और एडवोकेट प्रकाश चौहान ने पैरवी करते हुए उन पर लगाए गए आरोपों को गलत ठहराया। कोर्ट द्वारा दोनों को दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेज दिया गया।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal