उदयपुर में सेई बांध के पास सिरोही-उदयपुर हाइवे पर जंगल के बीच शनिवार रविवार की दरमियानी रात करीब 2 बजे यात्रियों से भरी एक निजी बस जोरदार हमला हुआ। चारों तरफ से अंधाधुंध पत्थर बरसाए गए, जिससे बस के कांच टूट गए। कुछ यात्रियों को चोट भी लगी। आधी रात होने से ज्यादातर यात्री बस में सोए हुए थे, लेकिन जब अचानक कांच टूटकर उन पर गिरने लगे तो वे सहम गए।
दरअसल, रोड पर पत्थर बिछाकर रास्ता रोका गया था। रात करीब 2 बजे बाडमेर से उदयपुर आ रही आरजे-19 PB 8968 नंबर की निजी जब यहां पहुंची तो रास्ते में पत्थर देख ड्राइवर ने बस रोक दी। उसी वक्त बस में से एक यात्री उन पत्थरों को हटाने के लिए उतरा तो उस पर पत्थर बरसना शुरू हो गए। वह तुरंत वापस बस के अंदर घुस गया। इसके बाद ताबड़तोड़ पत्थर बरसना शुरू हो गए।
आसपास जंगल और अंधेरा होने से हमलावर नजर नहीं आ रहे थे। ऐसे में ड्राइवर ने तुरंत फुर्ति दिखाई और रोड पर पड़े पत्थरों के ऊपर से ही बस को मुश्किल से पार कराते हुए आगे ले गया। इसके बाद यह बस घटना स्थल से करीब 7 किमी दूर बेकरिया थाने में रुकी। जहां थानाधिकारी को पूरा मामला बताया और शिकायत की।
बाडमेर में सरकारी टीचर कुम्भलगढ़ निवासी अभयसिंह चौहान बस में सवार थे। उन्होंने बताया कि सुनसान जगह थी और चारों तरफ जंगल था। मैं सीटिंग सीट पर था। हल्की नींद लगी थी। मेरी सीट की विंडो पर अचानक जोर से पत्थर पड़ा तो विंडो के कांच टूटकर मेरे पर गिरे। चारों तरफ से पत्थरों की जैसे बौछार होने लगी। हमलावर हमें नजर नहीं आ रहे थे। यात्री बुरी तरह सहम गए। ऐसा लग रहा था कि आज हमारे साथ कोई अनहोनी होने वाली है लेकिन ड्राइवर की तत्परता से हमारी जान बची।
बस में ज्यादातर टीचर ही थे, जो बाडमेर से होली पर्व की छुट्टी पर घर आ रहे थे। यात्रियों ने बताया कि वे अक्सर इस बस से ही सफर करते हैं लेकिन कभी ऐसे हमले जैसी घटना नहीं हुई। ऐसी घटना से अब वापस उस रूट से आना खतरे से खाली नहीं लग रहा। यात्रियों ने पुलिस-प्रशासन से कार्रवाई की मांग उठाई है।
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