उदयपुर 24 फ़रवरी 2024 । सात लाख रुपए के चेक अनादरण मामले में न्यायालय ने मशहूर टीवी कलाकार अमर उपाध्याय सहित दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया, जबकि एक आरोपी को सजा एवं जुर्माने से दंडित किया। यह मामला गत 17 साल से उदयपुर न्यायालय में विचाराधीन था।
प्रकरण के अनुसार हरिनारायण पुत्र राम अवतार सोनी निवासी आदर्श नगर, राजनगर ने 2007 में यहां न्यायालय में मैसर्स मिहिर विरानी मल्टी ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली अमर उपाध्याय पुत्र हर्षद डी उपाध्याय निवासी मलाड वेस्ट मुंबई, अक्षय एस ठक्कर पुत्र सुरेश ठक्कर निवासी मुंबई, विक्रमसिंह चौहान निवासी सांगानेर जयपुर व सुनिल पुत्र भगवतीलाल व्यास के खिलाफ परिवाद पेश किया।
इसमें बताया कि आरोपियों ने सदस्यों को जोड़ने वाली कंपनी बनाई और देशभर में कई सदस्यों को जोड़ा। वह भी इस कंपनी का सदस्य था। उस समय कंपनी के निदेशक अमर उपाध्याय थे। कंपनी की ओर से उसे सात लाख रुपए का चेक दिया गया, जो बैंक में पर्याप्त निधि के अभाव मेंं अनादरित हो गया। इसके बाद उसने आरोपियों से कई बार संपर्क किया, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका।
मामले की सुनवाई के दौरान टीवी कलाकार अमर उपाध्याय ने अपने अधिवक्ता महेंद्र नागदा के माध्यम से न्यायालय को शपथ पत्र दिया कि इस कंपनी के निदेशक पद से उन्होंने 2003 में ही इस्तीफा दे दिया था, जबकि मामला 2007 का है। दोनों पक्षों की दलीलें और बहस सुनने के उपरांत पीठासीन अधिकारी ने टीवी कलाकार अमर उपाध्याय व अक्षय एस ठक्कर को दोषमुक्त कर दिया, जबकि विक्रमसिंह को सजा सुनाई।
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