उदयपुर कोर्ट ने फिल्म निर्माता और उनकी पत्नी को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
उदयपुर 9 दिसंबर 2025। अदालत ने 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फिल्म निर्माता और उनकी पत्नी को सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजा है। पुलिस ने केस से जुड़े वित्तीय लेन-देन और दस्तावेजों की गहन जांच के लिए रिमांड मांगा था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
विशेष पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार कर जांच अधिकारी डीएसपी छगन राजपुरोहित के नेतृत्व में बुधवार देर शाम उदयपुर लाया था। अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तारी यारी रोड स्थित गंगा भवन अपार्टमेंट से की गई, जो निर्माता की साली के निवास के रूप में बताया जा रहा है। बांद्रा कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद दोनों को उदयपुर लाकर आगे की कार्रवाई की गई।
यह पूरा मामला उदयपुर की IVF कंपनी के डायरेक्टर द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों से जुड़ा है। 17 नवंबर को दर्ज हुई FIR में आठ लोगों के नाम शामिल हैं, जिनमें फिल्म निर्माता और उनकी पत्नी भी शामिल हैं। शिकायत के अनुसार, एक कार्यक्रम के दौरान फिल्म निर्माता से मुलाकात हुई, जिसमें उसने पीड़ित की पत्नी पर बायोपिक बनाने का प्रस्ताव दिया और बताया कि यह फिल्म राष्ट्र में उनके योगदान को दर्शाएगी।
अप्रैल 2024 में पीड़ित को मुंबई स्थित वृंदावन स्टूडियो बुलाया गया, जहां उनकी मुलाकात निर्माता से हुई। इसी बैठक में बायोपिक बनाने को लेकर समझौता तय हुआ। आरोप है कि 40 करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट दो फिल्मों “बायोपिक” और “महाराणा” के लिए किया गया और निर्माता को निर्माण का जिम्मा सौंपा गया, जबकि वित्तीय निवेश पीड़ित द्वारा किया जाना तय हुआ।
मई 2024 से जून 2025 के बीच पीड़ित द्वारा कई बार भुगतान किया गया, जो कुल मिलाकर 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। लेकिन बाद में फिल्म निर्माण से जुड़े पक्षों द्वारा बातचीत बंद कर देने और ईमेल का जवाब नहीं देने पर पीड़ित को धोखाधड़ी का संदेह हुआ और उन्होंने 8 नवंबर को शिकायत दर्ज कराई।
उदयपुर पहुंचने पर आरोपी फिल्म निर्माता और उनकी पत्नी मीडिया से चेहरा ढकते हुए नजर आए।
गिरफ्तारी को लेकर डीएसपी छगन राजपुरोहित ने कहा, “हम दोनों आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार कर उदयपुर लेकर आए हैं। इन्हें कोर्ट में पेश किया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई कानून के अनुसार की जाएगी।”
वहीँ आरोपी की ओर से उनके वकील एडवोकेट जय कृष्णा दवे ने बताया कि मामला आपसी गलतफहमी का है। उन्होंने कहा की “यह एक मिसअंडरस्टैंडिंग का मामला है। हम पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार हैं। यह अकाउंट्स मिसमैच का मुद्दा है और किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा गलतफहमी पैदा की गई है। दस्तावेजों का मिलान हो जाएगा तो स्थिति साफ हो जाएगी। पुलिस ने इसी वजह से रिमांड मांगा था और कोर्ट ने दोनों को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।”
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस वित्तीय लेन-देन, बैंक स्टेटमेंट्स और दस्तावेजी साक्ष्यों की गहन जांच में जुट गई है। आगामी दिनों में तकनीकी विश्लेषण और विस्तृत पूछताछ जारी रहने की संभावना है।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal
