यूआईटी ने उदयपुर में एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल के कथित अवैध रूप से बनाए गए रिसॉर्ट को तोड़ा


यूआईटी ने उदयपुर में एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल के कथित अवैध रूप से बनाए गए रिसॉर्ट को तोड़ा

3 मार्च को देर रात 2 बजे तक चला और बाद में सुबह के घंटों में फिर से शुरू हुआ
 
Divya Mittal

उदयपुर के अर्बन इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (यूआईटी) ने दिव्या मित्तल के स्वामित्व वाली एक निजी संपत्ति, नेचर हिल्स रिज़ॉर्ट पर विध्वंस प्रक्रिया शुरू की, जो एक कथित रिश्वत के मामले में जांच के दायरे में है। दिव्या मित्तल स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी - राजस्थान) की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अजमेर) हैं।

अर्बन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (UIT) की एक टीम गुरुवार की शाम चिकलवास स्थित नेचर हिल्स रिजॉर्ट में बुलडोजर और अन्य विध्वंसक उपकरण लेकर पहुंची और इमारत को गिराना शुरू कर दिया। शाम को शुरू हुआ सिलसिला शुक्रवार, 3 मार्च को देर रात 2 बजे तक चला और बाद में सुबह के घंटों में फिर से शुरू हुआ।

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एडिशनल एसपी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप अजमेर के रूप में कार्यरत दिव्या मित्तल को एसीबी जयपुर की टीम ने 17 जनवरी 2023 को उत्तर प्रदेश के एक फार्मास्यूटिकल्स व्यवसायी से चार्जशीट से नाम हटाने और उसके खिलाफ कार्यवाही नहीं करने की एवज़ में कथित रूप से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसे सिलसिले में पुलिस ने निलंबित पुलिस अधिकारी में से एक सुमित कुमार को भी पुलिस ने इस सिलसिले में पकड़ा था, जो पूरे मामले का मध्यस्थ बताया जा रहा था और दिव्या की देखभाल भी कर रहा था। 

अधिकारियों से उनकी कार्रवाई के बारे में सवाल किया गया तो यूआईटी के तहसीलदार विमलेंद्र सिंह राणावत ने कहा, "जब भी हमें कोई अवैध निर्माण मिलता है, तो हम यूआईटी अधिनियम की धारा 19 के तहत भवन के मालिक को नोटिस देते हैं और इसी तरह से एक नोटिस रिसोर्ट के मालिक को जारी किया गया है। पहला नोटिस 23 फरवरी को दिया गया था और दूसरा नोटिस 1 मार्च को दिया गया था। जमीन के दो टुकड़े थे, एक गिरफ्तार आरपीएस अधिकारी दिव्या मित्तल का है और दूसरा सुमित जाट का है। उन्होंने वास्तव में अपने स्वामित्व से अधिक भूमि पर अवैध रूप से अपने रिसॉर्ट का निर्माण किया है। लगभग 60% निर्माण अवैध रूप से किया गया था। उन्हें विभाग द्वारा एक नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया था।

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सिंह ने कहा कि पहला नोटिस 23 फरवरी को जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि विभाग ने मालिकों के रिश्तेदारों से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी उपलब्ध नहीं था और संपत्ति बंद पड़ी थी, नोटिस को उसके मुख्य द्वार पर चिपका दिया गया था। बाद में 1 मार्च को एक अंतिम नोटिस जारी किया गया और जब किसी ने जवाब नहीं दिया, इमारत के अवैध रूप से बने हिस्से को शुक्रवार सुबह तड़के गिरा दिया गया।

दिव्या मित्तल के भाई प्रकाश मित्तल ने विभाग से कोई नोटिस मिलने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पहले कोई नोटिस प्राप्त नहीं किया गया है और यहां तक कि विभाग ने कार्रवाई के दिन 2 मार्च को अंतिम नोटिस चिपकाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें रिसॉर्ट से अपना कीमती सामान निकालने तक का समय नहीं दिया गया।

Udaipur Resort Nature Hills Resort owned by SOG ASP Divya Mittal demolished by UIT Udaipur

उन्होंने प्रशासन को भी दोषी ठहराया और कहा कि यह सब षड्यंत्र रचा गया है। क्योंकि गिरफ्तारी से पहले उनकी बहन को आईपीसी की धारा 41 के तहत कोई नोटिस नहीं दिया गया था।

मित्तल के एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि 23 फरवरी को उपलब्ध कराया जाने वाला नोटिस 2 मार्च को दोपहर करीब 3 बजे गेट पर क्यों चिपकाया गया. यूआईटी द्वारा कार्रवाई किए जाने से 24 घंटे पहले हमें कार्रवाई के बारे में सूचित किया गया था और हमें इमारत से क़ीमती सामान निकालने के लिए कोई समय भी नहीं दिया गया था। उन्होंने प्रशासन पर सहयोग न करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके सभी क़ीमती सामान भी क्षतिग्रस्त हो गए।

उन्होंने आगे कहा कि उनकी बहन को जानबूझकर निशाना बनाया गया, उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत अधिकारियों के पास उनके अवैध रूप से बने आवास और ऐसी संपत्तियां हैं, लेकिन विभाग उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है तो केवल उनकी बहन की संपत्ति को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। 

जानकारी के अनुसार रिसॉर्ट का निर्माण कृषि भूमि पर किया गया था और इसका उपयोग व्यवसायिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा था। दिव्या मित्तल की भूमि का म्यूटेशन 2016 में जबकि सुमित की भूमि का 2022 में किया गया था। 

मित्तल ने खेती के लिए जुलाई 2016 में चिकलवास में 20000 वर्ग फुट जमीन खरीदी थी, लेकिन बाद में उस पर व्यावसायिक उपयोग के लिए एक रिसॉर्ट बनाया गया। विशेष रूप से दिव्या की गिरफ्तारी के बाद, एसीबी टीम ने पाया कि शिकायतकर्ता को उनकी टीम द्वारा इस रिसॉर्ट में लाया गया था और रुपये देने की धमकी दी गई थी। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक मामले से उसका नाम हटाने के लिए 2 करोड़ की मांग की थी।

दिव्या मित्तल ने उदयपुर में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने उदयपुर में डिप्टी एसपी के रूप में काम किया और उनकी गिरफ्तारी के समय अजमेर में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप के एडिशनल एसपी थी।

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