इंटरनेट के इस दौर में हम सभी ने ‘Phishing’ टर्म को कभी न कभी तो सुना ही होगा। फिशिंग अटैक आजकल काफी आम हो गया है। यूज़र्स की एक चूक से हैकर्स उन्हें निशाना बना लेते हैं। सबसे पहले तो ये जान लेते हैं कि फिशिंग होता क्या है? एक सामान्य फिशिंग हमले का एक उदाहरण आपके सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड की एक्सपायर के बारे में एक ईमेल हो सकता है। ईमेल में एक लिंक शामिल होने की संभावना होती है जो पहली नज़र में असली लगता है, लेकिन अगर ध्यान से देखा जाए, तो आपको इसकी स्पेलिंग में कुछ हेरफेर दिखाई दे सकती है।
Source:- Raju and The Forty Thieves
कई बार स्कैमर्स एक फर्जी वेबसाइट क्रिएट करते हैं और फिर आपको मैसेज या ईमेल भेजते हैं। ये मैसेज कई तरह के हो सकते हैं। मसलन किसी जॉब के संदर्भ में या फिर बैंक KYC या इलेक्ट्रिसिटी बिल से जुड़ा हो सकता है। जैसे ही आप इस तरह के किसी मैसेज के साथ आए अनजान लिंक पर क्लिक करते हैं। आपके सामने एक वेबसाइट खुलेगी, जो होती तो फेक लेकिन देखने में असली जैसी होगी। कई मौकों पर स्कैमर्स यूजर्स के फोन में मैलवेयर प्लांट करते हैं। ज्यादातर मामलों में यूजर्स अपनी डिटेल्स खुद स्कैमर्स को दे देते हैं। आप सोचेंगे ऐसा कैसे होता है, तो आपको पूरे खेल को समझना होगा। दरअसल, स्कैमर्स आपको एक मैसेज लिखते हैं और लिंक में उसी मैसेज से जुड़ी डिटेल्स भरनी होती हैं। यूजर्स को लगता है कि वो असली वेबसाइट पर अपनी डिटेल्स एंटर कर रहे हैं, लेकिन ये सारा डेटा स्कैमर्स तक पहुंच रहा होता है।
इसलिए कोई भी आसानी से हैकर के झांसे में आ सकता है। ऐसा न हो, इसलिए आज हम आपको ऑनलाइन सेफ्टी और फिशिंग अटैक से बचने के सबसे प्रभावी तरीकों के बारे में बता रहे हैं…
फिशिंग स्कैम के प्रकार
निम्नलिखित कुछ शीर्ष प्रकार है:-
ऑनलाइन सेफ्टी और फिशिंग अटैक से बचने के सबसे प्रभावी तरीके
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