उदयपुर 3 फ़रवरी 2025। गीतांजलि इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज के इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग तथा एमएसएमई, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "फोटोवोल्टिक प्लांट डिजाइन एंड इंस्टालेशन" पर पाँच दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 5 दिन चलने वाले इस ट्रेनिंग का उद्देश्य फोटोवोल्टिक प्लांट डिजाइन एंड इंस्टालेशन के लिए कुशल एंटरप्रन्योर तैयार करना था।
वित्त नियंत्रक बी एल जागीड ने बताया कि फोटोवोल्टिक डिजाइन एंड इंस्टालेशन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। वैश्विक स्तर पर बढ़ती ऊर्जा मांग और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता को देखते हुए, सौर ऊर्जा भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। फोटोवोल्टिक प्रणाली की उचित एंड इंस्टालेशन कई पहलुओं से महत्वपूर्ण है यह तेल, कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोत सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और इनका उपयोग पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। इसके विपरीत, सौर ऊर्जा अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है, जो सतत विकास को प्रोत्साहित करता है।
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में एक्सपर्ट सम्राट साहा, डॉ रौनक जांगिड़ एवं डॉ दीपक पालीवाल ने फ़ोवोल्टिक डिज़ाइन में उपयोग होने वाले सिंगल लाइन डायग्राम और ब्लॉक डायग्राम, सौर पीवी प्रणाली के लिए यस एल डी की व्याख्या एवं पावर सिस्टम प्लानिंग में ब्लॉक डायग्राम, ऊर्जा मांग के आधार पर संयंत्र की क्षमता गणना, पीवी सिस्टम में उपयोग होने वाली सामग्री जैसे मॉड्यूल, इनवर्टर और बी ओ एस घटकों का हैंड्स ऑन ट्रेनिंग कराया।
इस दौरान छात्रों के लिए आबू रोड स्थित दो प्रमुख औद्योगिक इकाइयों-इंडिया वन सोलर पावर प्लांट और मॉडर्न इंसुलेटर का औद्योगिक भ्रमण आयोजित किया गया। इस भ्रमण का समन्वय संस्थान के प्रोफेसर डॉ. विषु अग्रवाल, डॉ. सी. पी. जैन और डॉ. प्रेरणा द्वारा किया। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सुरभि मिश्रा द्वारा किया गया।
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