महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर एवं राजयोग एज्यूकेान एण्ड रिसर्च फॉउन्डेशन ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउन्ट आबू के मध्य एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये गये। एम.ओ.यू. का प्रमुख उद्देश्य यौगिक खेती के लिए नये शॉर्ट कोर्स का संचालन एवं दोनों संस्थानों द्वारा यौगिक खेती पर सामुहिक रूप से शिक्षा, अनुसंधान व प्रसार करना है।
डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्ववविद्यालय, उदयपुर ने हस्ताक्षर के दौरान कहा कि वर्तमान समय में कृषि शिक्षा व मानव जीवन में आध्यात्म व सकारात्मकता की आवश्यकता है। इस एम.ओ.यू. से यौगिक खेती में अनुसंधान को गति मिलेगी व नई तकनीकियाँ विकसित होगी।
कार्यक्रम में राजयोगिनी बी.के. सरला, अध्यक्ष, राजयोग एज्यूकेशन एण्ड रिसर्च फॉउन्डेशन ने कहा कि कृषि की आधारभूत ईकाई कृषक है जिसका आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यौगिक खेती के वैज्ञानिक प्रमाणीकरण व नई तकनीकियों के आविष्कार हेतु ये एम.ओ.यू. बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। दोनों संस्थान इस दिशा में अनुसंधान व शिक्षण कार्य सम्पादन कर नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
कार्यक्रम में डॉ. एस. के. शर्मा, निदेशक अनुसंधान, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवविद्यालय, उदयपुर, बी.के. सुमन्थ कुमार, हेड क्वाटर, कॉर्डिनेटर एआरडीडब्ल्यू, बी.के. चंद्रेश एवं यौगिक खेती कृषक बाला साहेब रागे ने भी अपने विचार रखे एवं चर्चा की। इस अवसर पर दोनों ही संस्थानों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
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