ज़िंक कौशल केन्द्र से प्रशिक्षण पूरा कर आत्म विश्वास की वाणी और हौसलों की उड़ान से परिपूर्ण दिखे विशेष योग्यजन


ज़िंक कौशल केन्द्र से प्रशिक्षण पूरा कर आत्म विश्वास की वाणी और हौसलों की उड़ान से परिपूर्ण दिखे विशेष योग्यजन

13 मूक बधिर प्रशिक्षणर्थियों का प्रशिक्षण के साथ ही हुआ प्लेसमेंट

 
zinc kaushal kendra

भाग्यश्री, दिव्या, पियूष और मोहम्मद आसिफ की तरह ही इनके साथ प्रशिक्षित हुए 13 विशेष योग्य युवा आत्मविश्वास की वाणी और हौसलों की उड़ान के साथ परिपूर्ण दिखाई दे रहे थे, जिसे उनके चेहरों पर फैली मुस्कान एक साथ कई शब्दों अंर्तमन की खुशी और अर्थ बयां कर रही थी। यह विशेष अवसर था इन युवाओं के ज़िंक कौशल केन्द्र में 60 दिवसीय प्रशिक्षण के बाद आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर होने और अपने पैरों पर खडे़ होने का। 

इन सभी ने मूक और बधिर होने के बावजूद कडी मेहनत और लगन से पूरा किया और वहां मौजूद हर सक्षम व्यक्ति को यह संदेश दिया कि यदि ठान लिया जाएं तो मंजिल पाने में कोई बाधा नही होती। इन प्रशिक्षित युवाओं ने जब सांकेतिक भाषा में आत्मनिर्भर होने और भविष्य के आंत्रप्रिन्योर बनने की अपनी दृढ़ ईच्छा को व्यक्त किया तो वहां मौजूद हर व्यक्ति ने सांकेतिक भाषा में उनका उत्सावर्धन किया।

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु की गयी पहल के तहत् उदयपुर जिलें के इन विशेष योग्यजन युवाओं की रूचि अनुसार इन्हें प्रशिक्षित किया गया और प्रशिक्षण के साथ ही इन्हें प्लेसमेंट भी मिल गया। 

प्रशिक्षण पूर्ण करने के अवसर पर आयोजित समारोह में अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने मुख्य अतिथी के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान जिंक द्वारा इन विशेष योग्यजन युवाओं के आत्मविश्वास को बढ़ा कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने हेतु यह प्रयास सराहनीय है। सामान्य युवाओं के साथ ही इन युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया यह प्रयास समाज हित के कार्यो का अनूठा उदाहरण है। बुनकर ने प्रशिक्षणार्थियों को सकारात्मक सोच के माध्यम से जीवन में सफलता के मार्ग को अपनाने और स्वयं की प्रतिभा को पहचान कर उसे निखारने का आव्हान किया।

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इस सफलता हेतु हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने अपने संदेश में कहा कि‘ मुझे खुशी है कि जिंक कौशल केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षित हो कर ये विशेषयोग्यजन अब समाज की मुख्यधारा और आत्मनिर्भर बन सकेगें। हमारा मुख्य उद्धेश्य समुदाय के साथ मिलकर समाजिक और आर्थिक सशक्तिरण है जिसमें यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि प्रशिक्षण के साथ इन युवाओं को रोज़गार भी उपलब्ध हो गया है। जिंक कौशल केन्द्र के माध्यम से अब तक 4 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। मैं युवाओं से अधिक से अधिक इस योजना से जुड़ने के लिये प्रोत्साहित करूंगा जिससे हम मिलकर आत्मनिर्भर भारत की ओर आगे बढ सकें।

इस अवसर पर विशेष योग्यजन के परिजनों के चेहरों पर भी खुशी दिखाई दे रही थी, जिन्होंने अपने इन बच्चों के लिये इस प्रकार के प्रशिक्षण और उनके आत्मनिर्भर बनने की कल्पना की थी। देबारी में संचालित जिं़क कौशल केन्द्र में प्रशिक्षण ले रहे अन्य प्रशिक्षणार्थियों के साथ इन 13 मूक बधिर युवाओं ने रूचि के अनुसार फूड एंड बेवरेज और रिटेल सेक्टर हेतु प्रशिक्षण प्राप्त किया जिन्हें उदयपुर में ही हाॅटल्स और रिटेल स्टोर जैसे मेक्स में हाथों हाथ नियुक्ति मिल गयी। 

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समारोह के दौरान इन्हें राष्ट्रीय कौशल विकास निगम मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र के साथ ही बेस्ट प्रशिक्षु, बेस्ट विद्यार्थी और बेस्ट क्रियेटिवीटी के लिये पुरस्कृत भी किया गया।

केंद्र में नामांकित अधिकांश प्रशिक्षु नियमित शिक्षा का हिस्सा नहीं हैं। वे ज्यादातर 10वीं और 12वीं कक्षा के बाद ड्रॉपआउट हैं,इसलिए, संस्थान उन्हें सॉफ्ट स्किल, जीवन कौशल और आईटी कौशल के साथ-साथ उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिंक के हेड कार्पोरेट अफेयर्स वी जयरमन, हेड सीएसआर अनुपम निधी, ज़िंक स्मेल्टर देबारी इकाई प्रधान मानस त्यागी, सेडा की सीईओ आतिया हाजी एवं अभिलाषा विद्यालय उदयपुर की प्राचार्या शोभा करवां ने सभी प्रशिक्षणार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए मेहनत लगन, उत्साह, हुनर और स्वयं की प्रतिभा को पहचान कर आगे बढ़ने का संदेश दिया।

एक जिम्मेदार उद्योग के रूप में सीएसआर पहल के तहत् हिन्दुस्तान जिंक द्वारा विशेष रूप से स्थानीय ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें स्वरोजगार से जोडने के लिए जिंक कौशल केंद्र से जोडकर उनके भविष्य को सुदृढ़ करने हेतु प्रयास किये जा रहे है।  युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के कंपनी प्रयास से विगत 3 वर्षो में 4 हजार से अधिक युवाओं को कौशल विकास से जोडा गया है जिनमें से 85 प्रतिशत से अधिक के रोजगार एवं उद्यमी के रूप में कार्यरत है। 

यह कार्यक्रम प्रदेश के 5 जिलो उदयपुर के जावर, देबारी, राजसमंद, चित्तौडगढ़, भीलवाडा के आगूचा और अजमेर के कायड सहित उत्तराखंड के पंतनगर में अंबूजा सीमेंट और टाटा स्ट्राईव के तकनीकी सहयोग से संचालित किया जा रहा है।

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