उदयपुर 29 जुलाई 2023। जिले में स्कूलों के प्रभावी संचालन की जिनके कंधों पर जिम्मेदारी है वही नियमों को ठेंगा दिखाने में आमादा हैं।सरकारी स्कूलों के प्रभावी संचालन शैक्षिक उन्नयन हेतु संस्था प्रधानों द्वारा शैक्षिक सत्र की शुरुआत एवं समापन पर दो दो दिवसीय वाक पीठ गोष्ठियों के माध्यम से स्कूलों में बच्चों की बेहतर पढ़ाई कैसे की जाए।
शिक्षा में क्या-क्या नवाचार किए जाएं जिससे बेहतर परीक्षा परिणाम रहे ।इस तरह की शिक्षा सत्र के दौरान की जाने वाली गतिविधियों की कार्य योजना बनाई जानी थी । लेकिन मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने आनन-फानन में आदेश जारी कर जिले में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के संस्था प्रधानों की दो दिवसीय 1 व 2 अगस्त को आयोजित होने वाली वाकपीठ सगोष्ठियों को जिला युवा महोत्सव के कारण स्थगित कर दिया है। लगता है शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को शिक्षा विभाग के प्रभावी संचालन की बजाय दूसरी गतिविधियों की चिंता ज्यादा नजर आती है।
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने सीडीओ के आदेश पर कड़ा एतराज जताते हुए शिविरा पंचांग के अनुसार ही संस्था प्रधानों की वाक पीठ संगोष्ठी आयोजित करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा की ओर से जारी शिविरा पंचांग में स्पष्ट दिशा निर्देश हैं कि संस्था प्रधानों की वाक पीठ संगोष्ठीयों का आयोजन शिविरा पंचांग में तय तिथियों को ही किया जाए। किसी भी स्थिति में इन तिथियों में परिवर्तन बिना शिक्षा निदेशालय की अनुमति से नहीं करने की साफ हिदायत दी गई है। चौहान ने कहा कि लगता है मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अपने आप को शिक्षा निदेशक से बड़ा मानते हैं। युवा महोत्सव के नाम पर संस्था प्रधानों की वाक पीठ संगोष्ठी को स्थगित करना पूरी तरीके से गलत है।
संगठन के जिलाध्यक्ष सतीश जैन जिला मंत्री कमलेश कुमार शर्मा ने बताया कि एक तरफ शिक्षा सचिव व निदेशक माध्यमिक शिक्षा की ओर से हाल ही में बीसी और लिखित आदेश जारी कर शिक्षकों को किसी भी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने के आदेश जारी किए हैं। बावजूद इसके बड़ी संख्या में शिक्षकों को युवा महोत्सव व ओलंपिक खेलों में लगाकर स्कूलों से दूर कर बच्चों की पढ़ाई को चौपट किया जा रहा है। संगठन के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने कहा कि यदि विभाग ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाना बंद नहीं किया तो जल्द ही आंदोलन तेज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि युवा महोत्सव हो या अन्य गैर शैक्षणिक गतिविधियां इनकी जिम्मेदारी शिक्षकों व शिक्षा अधिकारियों के बजाय ग्रामीण विकास, राजस्व सहित अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को सौंपनी चाहिए। ताकि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रवेश उत्सव अभियान सहित अन्य शैक्षणिक व्यवस्थाएं प्रभावित नहीं हो।
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