उदयपुर। गीतांजली इन्स्टिटियूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज, उदयपुर में सिविल इन्जिनियरिंग के तत्वाधान में वास्तु शास्त्रः इण्डियन सिस्टम ऑफ आर्केटेक्चर एण्ड मोर्डन बिल्डिंग प्लानिंग पर एक दिवसीय एक्सपर्ट टॉक का आयोजन किया गया।
संस्थान के निदेशक डॉ. एन.एस. राठौड ने वास्तुशास्त्र के वैज्ञानिक प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि वास्तु शास्त्र एक सम्पूर्ण विज्ञान हैं यह भारतीय ऋर्षियों की देन है। भवन निर्माण में यह सहायक विज्ञान की तरह काम करता हैं वास्तु शास्त्र आज के परिपेक्ष्य में बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। आज हम सुख, शान्ति, समृद्धि की तरफ जाने वाले रास्ते को खोजते है तो हम कहीं न कहीं भारतीय दर्शन को खोजते हैं। वास्तु शास्त्र भी इन्हीं दर्शन में से एक हैं। सिविल अभियंताओं के लिए वास्तु का ज्ञान होना परम आवश्यक हैं। इसी अहमियत को समझाने हेतु सिविल इन्जिनियरिंग विभाग ने इस एक्सपर्ट सत्र का आयोजन किया।
इस एक्सपर्ट टॉक में पारूल विश्वविद्यालय बडोदरा कि वास्तु विशेषज्ञ प्रोफेसर रेश्मा शुक्ला को मुख्य अतिथि के तौर पर आंमत्रित किया गया था। प्रो.शुक्ला ने भवन निर्माण के दौरान वास्तुशास्त्र के अनुसार भवन निर्माण पर जोर दिया। जिससे घर में व्यक्तिगत संबंधों पर परस्पर मिठास बनी रहे साथ ही सकारात्मक ऊर्जा सुखद कम्पन का प्रसार पूरे भवन मे होता रहे और मन को शान्ति मिलती रहे।
कार्यक्रम का संयोजन असिस्टेंट प्रोफेसर गौरव शर्मा द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन सिविल इन्जिनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. मनिष वर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड सहित पूरे गीतांजली परिवार ने वास्तु के वैज्ञानिक प्रभाव के बारे में जाना।
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