GITS इंजीनियरिंग कॉलेज में विशेषज्ञ वार्ता


GITS इंजीनियरिंग कॉलेज में विशेषज्ञ वार्ता

इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी में उन्नत अनुसंधान क्षेत्रों पर चर्चा

 
GITS

गीतांजलि इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग विभाग के तत्वाधान में इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी में उन्नत अनुसंधान क्षेत्रों पर एक एक्सपर्ट टॉक का आयोजन किया गया। यह ऐक्सपर्ट टॉक इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग क्षेत्र में हो रहे नवीनतम अनुसंधान और विकास पर चर्चा करने के लिए रखी गयी थी।

संस्थान के निदेशक डॉ एन एस राठोड ने नवीनतम तकनीकों पर बात करते हुए कहा कि आज की पूरी तकनीक इलेक्ट्रॉनिक्स पर आधारित है और इस क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान से उद्योगों को नई दिशा मिल रही है। उन्होंने कहा इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी का उन्नत शोध न केवल अकादमिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उद्योग आधारित अनुसंधान के लिए भी नए अवसर प्रदान करता है। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनीरिंग की देन है कि आज मानव के दिमाग में चिप लगया जा रहा है। 

मुख्य वक्ता के रूप में सिक्योर मीटर में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर रह चुके डॉ राजवीर शेखावत ने उभरती प्रौद्योगिकियों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने स्मार्ट हेल्थकेयर और स्मार्ट हॉस्पिटलाइजेशन में इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग के योगदान पर विद्यार्थियों एव फैकल्टी मेंबर्स से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने ने बताया कि कैसे ये प्रौद्योगिकियाँ स्वास्थ्य सेवा को और अधिक कुशल, सुरक्षित और सुलभ बना रही हैं। स्मार्ट हेल्थकेयर में लो-पावर डिवाइसेस के उपयोग पर भी जोर दिया गया, जो न केवल ऊर्जा की बचत करते हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।इसके अलावा, वक्ताओं ने उद्योग-उन्मुख अनुसंधान पर बल दिया। उन्होंने बताया कि कैसे उद्योगों के साथ सहयोग करके इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी में उन्नत अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जा सकता है। इस प्रकार के अनुसंधान से न केवल शैक्षणिक क्षेत्र को बल्कि उद्योग जगत को भी लाभ होता है, क्योंकि यह व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के लिए नए दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के विभगाध्यक्ष डॉ प्रदीप के अनुसार इस एक्सपर्ट टॉक में नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई। वार्ता के दौरान छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने इस वार्ता में गहरी रुचि दिखाई और विशेषज्ञों से कई सवाल पूछे। वित्त नियंत्रक बी एल जागीड ने इस प्रकार की विशेषज्ञ वार्ताओं के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ये वार्ताएँ छात्रों को नवीनतम तकनीकी प्रगति से जोड़ने और उन्हें अनुसंधान के लिए प्रेरित करने का एक उत्कृष्ट माध्यम हैं।इस प्रकार की वार्ताओं से छात्रों को उभरते क्षेत्रों में शोध के लिए प्रेरणा मिलती है, जिससे वे भविष्य में नई प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान कर सकते हैं। 

कार्यक्रम का संयोजन डॉ अनुराग पालीवाल दवारा एवं संचालन डॉ अंजलि धाबाई द्वारा किया गया।इस अवसर पर एम बी ए निदेशक डॉ पी के जैन सहित पूरा गीतांजलि परिवार उपस्थित था।

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