उदयपुर 11 जून 2025। गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज, डबोक उदयपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के तत्वाधान में एक सप्ताह का "डीजीपीएस एवं ड्रोन सर्वेक्षण" प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम डीजीपीएस सर्वेक्षण, जीआईएस सिस्टम और ड्रोन तकनीक जैसे आधुनिक तकनीकी विषयों पर केंद्रित रहा।
संस्थान के निदेशक डॉ. एस.एम् प्रसन्ना कुमार ने ने बताया कि यह प्रशिक्षण छात्रों को न केवल तकनीकी शिक्षा का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि देश के विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए भी प्रेरित करेगा।डीजीपीएससर्वेक्षण एक उन्नत उपग्रह-आधारित तकनीक है जो पारंपरिकजी पी एस की तुलना में कहीं अधिक सटीक लोकेशन डेटा प्रदान करती है। इसमें एक स्थिर बेस स्टेशन और एक या अधिक मोबाइल रिसीवर होते हैं। जीआईएस सिस्टम एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली है जो भौगोलिक डेटा को संग्रह, विश्लेषण और विज़ुअलाइज़ करने में सक्षम बनाती है।जीआईएस में विभिन्न प्रकार के डेटा को लेयर्स के रूप में संग्रहित किया जाता है, जैसे सड़कें, जल स्रोत, जनसंख्या वितरण आदि। यह प्रणाली भू-स्थानिक विश्लेषण, योजना निर्माण और निर्णय प्रक्रिया को सशक्त बनाती है।
विद्यार्थियों को तकनिकी दक्षता प्रदान करने के लिए एस.के. सर्वेयर के प्रमुख अभियंता सुनील कुमार को आमंत्रित किया गया था। सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष वर्मा के अनुसार, इस प्रशिक्षण का उपयोग सिविल इंजीनियरिंग में स्थलाकृति और भूमि सर्वेक्षण के लिए किया जाता है। यह प्रशिक्षण छात्रों के लिए रोजगार क्षमता बढ़ाने, नई तकनीकों से परिचित होने और विविध करियर विकल्पों को समझने में सहायक रहेगा।
यह प्रशिक्षण छात्रों को ड्रोन के संचालन नियमों और सुरक्षा मुद्दों के बारे में आवश्यक ज्ञान भी प्रदान करता है, जिससे वे इस क्षेत्र में बेहतर ढंग से कार्य कर सकें।संस्थान के वित्त नियंत्रक श्री बी.एल. जागींड ने कहा कि इस प्रकार की ट्रेनिंग से छात्रों को करियर निर्माण में सहूलियत मिलेगी। यह पहल छात्रों को व्यावसायिक योग्यताओं और इंटरफ़ेसिंग का उत्कृष्ट अनुभव कराती है, जिससे वे भविष्य में अपना करियर बना सकेंगे।
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