उदयुपर 26 अक्टूबर 2021। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रत्यायन प्रदान करने हेतु मंगलवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा गठित पर्यवेक्षण दल (पीआरटी) द्वारा वर्चुअल मीटिंग एवं शेष रहे संघठक महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों का भी वर्चुअल निरीक्षण किया गया।
मंगलवार को सी.टी.ए.ई के प्लेसमेंट सेल में आयोजित वर्चुअल बैठक में एमपीयूएटी के माननीय कुलपति डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ की उपस्थिति मे एवं दल के अध्यक्ष डॉ ऐ के सिंह की अध्यक्षता में निरीक्षण दल ने यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से गहन चर्चा की। विश्वविद्यालय अनुसंधान व प्रसार निदेशालय, भीलवाड़ा कृषि महाविद्यालय एवं फ़िशरीज कॉलेज एवं मछली पालन फार्म के वर्चुअल टूर और प्रजेन्टेशन हुए। इस दौरान विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. राठौड़ ने चर्चा के बाद अपना पक्ष रखा और धन्यवाद ज्ञापित किया। अधिष्ठाता -डॉ के एल जीन गर ने भीलवाड़ा कृषि महाविद्यालय, डॉ. बी. के. शर्मा ने मात्स्यकी महाविद्यालय के सम्बंध मे, डॉ एम एल ओझा ने मत्स्य फार्म के बारे मे, निदेशक अनुसंधान डॉ. एस. के. शर्मा ने अनुसंधान गतिविधियों और परियोजनाओं के बारे में एवं प्रसार निदेशक डॉ. आर. ऐ. कौशिक ने प्रसार निदेशालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कृषि प्रसार गतिविधियों के बारे में दल के सदस्यों को अवगत करवाया। निरीक्षण दल ने संघठक महाविद्यालयों के फार्म, कन्या व पुरुष छात्रवासों, प्रसार शिक्षा निदेशालय, अनुसंधान परियोजनाओं यथा समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं, राष्ट्रीय कृषि विकास एवं जैविक कृषि, पोल्ट्री , सीड उत्पादन परियोजनाओं व अनुसंधान फार्म इत्यादि एवं महाविद्यालय स्थित विभिन्न आधारभूत सुविधाओं, कार्यालय, प्रयोगशालाओं, क्लास रूम सुविधाओं, प्रायोगिक कार्य के उपकरणों इत्यादि का वर्चुअल व सजीव निरीक्षण किया।
विश्वविध्यालय जन सम्पर्क अधिकारी डॉ सुबोध शर्मा ने बताया कि मंगलवार को प्रातः 10 से 2 बजे तक दल के सदस्यों ने विश्वविद्यालय कुलपति, अधिष्ठातओ, निदेशकों सहित अन्य उच्चाधिकारियों, विभिन्न संघटक कॉलेजों की फेकल्टी, शैक्षनेत्तर कर्मचारियों और विधार्थियों से अलग अलग वार्ता की, दल का मुख्य उद्देश्य फैकल्टी व छात्र- छात्राओ से उनकी उपलब्धियों, शैक्षणिक वातावरण, प्रायोगिक कार्यो हेतु उपलब्ध सुविधाओ, अध्यापन स्तर, प्लेसमेंट, सह शैक्षणिक गतिविधियों इत्यादि विभिन्न विषयों पर चर्चा कर विभिन्न जानकारी प्राप्त करना था। पी आर टी के साथ चर्चा के दोरान विश्वविध्यालय की कुलसचिव श्रीमती श्वेता फगेडिया, वित्त नियंत्रक श्रीमती मंजु बाला, विशेषधिकारी डॉ वीरेंद्र नेपालिया भी उपस्थित थे। विशेषधिकारी डॉ नेपालिया ने बताया कि पी आर टी दल के सभी सदस्यों ने एम पी यू ए टी की विभिन्न इकाइयों, कॉलेजों, आधार भूत सुविधाओ, फार्म, अनुसंधान, प्रसार कार्यो से संतुष्ट थे और उन्होंने कई अवसरों पर एम पी यू ए टी की उपलब्धियों की भूरि भूरि प्रशंसा भी की। वर्चुअल निरीक्षण मे सी टी ए ई के कंप्यूटर टेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चौधरी, प्राध्यापक डॉ विक्रमादित्य दवे, डॉ मंजीत सिंह, नोडल अधिकारी श्री दिनेश सुखवाल, श्री मनोज भटनागर व सह शैक्षणिक कर्मचारियों का सराहनीय सहयोग रहा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने राष्ट्रीय कृषि शिक्षा एक्रेडिटेशन बोर्ड द्वारा मान्यता प्रदान करने हेतु उच्च कोटि का निरीक्षण दल (पी आर टी) गठित किया है। इसकी अध्यक्षता राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के पूर्व कुलपति डॉ. ए.के. सिंह कर रहे हैं तथा दल में शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय, जम्मू के अनुसंधान निदेशक डॉ. जे.पी. शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के अधिष्ठाता (कृषि संकाय) डॉ. अम्बरीश कुमार, अंजोरा, दुर्ग स्थित दाऊ श्रीवासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के डेयरी विज्ञान अधिष्ठाता डॉ. सुधीर उप्रित, पूर्व सहायक महानिदेशक (मात्स्यकी) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद डॉ. के. के. वास एवं कृषि शिक्षा विभाग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वनिता जैन सम्मिलित हैं।
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