गिट्स में अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस मल्टी डिस्पील्निरी एप्लीकेशन एण्ड रिसर्च टेक्नॉलोजी का समापन

गिट्स में अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस मल्टी डिस्पील्निरी एप्लीकेशन एण्ड रिसर्च टेक्नॉलोजी का समापन

लोगो के मानसिक दुःखों को दूर करना तकनीकी विकास की हो पहली प्राथमिकता - डॉ. हिना राठौड

 
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गीतांजली इन्स्टिटियूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज डबोक उदयपुर (गिट्स), में 2 दिन से चल रही द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस मल्टी डिस्पील्निरी एप्लीकेशन एण्ड रिसर्च टेक्नॉलोजी (आई.सी.एम.ए.आर.टी.-2023) का समापन हुआ। इस दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में विज्ञान एवं इन्जिनियरिंग के विभिन्न आयामों पर शोध एवं नवाचार के साथ गिट्स के प्लेटफॉर्म पर एक संयुक्त रूप से एकत्रित होकर विभिन्न विषयों के शोधार्थियों ने अपने-अपने ज्ञान को साझा किया। 

संस्थान के निदेशक डॉ. एन. एस. राठौड ने इन्जिनियरिंग में कम्प्यूटर एप्लीकेशन के बारे में बताते हुए कहा कि इन्जिनियरिंग अनवरत सिम्पल एप्रोच से काम्प्लेक्स एप्रोच की तरफ बढ रही हैं। चीजें इन्टर डिस्पील्निरी से मल्टी डिस्पील्निरी होती जा रही हैं। आज ऐसे में कम्प्यूटर का योगदान अहम होता जा रहा हैं। आज कोई भी नवाचार ऐसा नही हैं जिसमें डिजीटल टेक्नोलॉजी, आई.ओ.टी. तथा आर्टीफिशियल इन्टेलीजेंस न प्रयोग होता हो। स्वास्थ्य, शिक्षा, सैन्य इत्यादि में डिजिटल टेक्नोलॉजी का ही बोलबाला हैं। 

कम्प्यूटर आधारित विभिन्न तकनीकों को समजोपयोगी बनाने हेतु इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका के टेक्सेस स्टेट यूनिवसिर्टी की असिस्टेंट प्रो. डॉ. हिना राठौड ने ‘‘रोल ऑफ ए.आई. इन प्रमोटिंग वेल बिंग’’ के विषय सम्मिलित  नेचुरल लेंगवेज प्रोसेसिंग के विभिन्न उपयोगों के बारें में बताते हुए कहा कि आज विश्व में हर चौथा व्यक्ति फेमिली, रिलेशन एवं केरियर की वजह से मेंटल डिस ऑर्डर का शिकार हैं। जिसकी वजह से लोग आत्महत्या तक कर रहे हैं। इसके लिए हमें ऐसी तकनीकी का विकास करना होगा, जो इनके मानसिक दुःखों को दूर करने के साथ इनसे अपनापन दिखा सके। इसके लिए चेट जी.पी.टी. आधारित चेट बॉट बनाकर कुछ हद तक इनकी सहायता की जा सकती हैं। 

इन्स्टिीट्यूट ऑफ इन्जिनियर्स उदयपुर के चेयरमेन श्री सी.पी. जैन ने इन्जिनियरिंग के विभिन्न आयामों को सामाजोपयोगी बनाने का सुझाव प्रस्तुत किया। कम्पयूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया उदयपुर चेप्टर की चेयरमेन एवं जर्नादन राय नागर विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साईंस व आई.टी. विभाग की निदेशक डॉ. मंजु मण्डोत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी की सहायता से ग्रामीण इलाकों के विकास पर फोकस किया। 

कार्यक्रम के संयोजक एवं कम्प्यूटर साईंस विभागाध्यक्ष डॉ. मयंक पटेल के अनुसार इस कॉन्फ्रेंस में कूल 62 शोध पत्र प्राप्त हुए थे शोध पत्रों की गुणवत्ताओं को देखते हुए केवल 36 शोध पत्र ही प्रेजेंटेशन के लिए चयनित किये गये। सभी चयनित शोधपत्रों को यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त जनरल में प्रकाशित किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन छात्रा हितांशी द्वारा किया गया। इस दौरान वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड सहित पूरा गीतांजली परिवार उपस्थित रहा।
 

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