MLSU ने ग्रेस शब्द मार्कशीट से हटाने का जारी किया आदेश


MLSU ने ग्रेस शब्द मार्कशीट से हटाने का जारी किया आदेश 

विद्यार्थियों में दया या कृपा का भाव नहीं बल्कि आत्मनिर्भर व मनोबल की बढ़ोतरी करेंगे- कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह

 
MLSU

इस निर्णय के उपरांत कई विद्यार्थियों ने कुलपति प्रोफेसर सिंह का धन्यवाद किया ज्ञापित

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए आज एक ऐतिहासिक निर्णय के आदेश जारी किए गए जिसके अनुसार अब विद्यार्थियों की अंक तालिका पर  कृपांक या ग्रेस शब्द नहीं लिखा जाएगा। कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में कृपांक शब्द अंक तालिका मैं लिखना अच्छी बात नहीं है यह  विद्यार्थियों के मनोबल को गिराता है तथा इससे उनमें हीन भावना के बीज अंकुरित होने लगते हैं! इस व्यवस्था को पूर्णता खत्म कर दिया गया है अब भविष्य में विद्यार्थियों की मार्कशीट में कृपाक शब्द नहीं लिखा जाएगा!

कुलपति के आदेश अनुसार बोम  की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम प्राप्तांको में यदि कुछ अंकों की आवश्यकता होती है तो पूर्व में उसकी अंक तालिका में ग्रेस या कृपांक लिख कर उसे उत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता था। उसके स्थान पर निर्णय लिया गया है कि अब इस प्रकार का कोई भी शब्द नहीं लिखा जाएगा जिससे भविष्य में  विद्यार्थियों को हीन भावना का आभास  हो और छात्रों की अंक तालिका में उसे उत्तीर्ण घोषित कर दिया जाएगा!

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पी एस राजपूत ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा यह भी आदेश जारी किया गया  है कि यदि किसी विद्यार्थी को  प्रथम या द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण होने में  एक अंक की आवश्यकता है तो विश्वविद्यालय उन्हें एक अंक उनकी अंक तालिका में जोड़कर प्रथम श्रेणी या द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण कर अंक तालिका प्रदान करेगा! क्योंकि कई व्यवसायिक संस्थानों, राजकीय सेवाओं और गैर राजकीय सेवाओं में आवेदकों से प्रथम श्रेणी या द्वित्तीय श्रेणी में उत्तीर्ण की योग्यता  मांगी जाती है और एक अंक के अभाव में छात्र न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने में चूक जाते हैं। इस निर्णय के उपरांत कई विद्यार्थियों ने कुलपति प्रोफेसर सिंह का धन्यवाद ज्ञापित किया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal