निम्बाहेड़ा में कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय बनेगा MLSU का नया कैम्पस

निम्बाहेड़ा में कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय बनेगा MLSU का नया कैम्पस 

एक दर्जन से अधिक नए कोर्स स्वीकृत, ऑनलाइन क्लासेज 7 जुलाई से होगी शुरू

 
MLSU

नर्सिंग पाठ्यक्रम भी होगा जल्द शुरू

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय का नवीन शिक्षा सत्र 1 जुलाई से शुरू होगा। इसके साथ ही ऑनलाइन क्लासेज 7 जुलाई से शुरू हो जाएगी। उक्त निर्णय कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिया गया। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ कुंजन आचार्य ने बताया कि नए विद्यार्थियों का प्रवेश अभी विभिन्न बोर्डों के परिणाम आने के बाद शुरू होंगे लेकिन दूसरे और चौथे सेमेस्टर तथा दूसरे और तीसरे वर्ष की कक्षाएं 7 जुलाई से ऑनलाइन शुरू कर दी जाएगी। इसके साथ ही एकेडमिक काउंसिल में विभिन्न नए पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव भी पास किया गया।

इसमें एनसीसी को वैकल्पिक विषय बनाने, जनजाति विकास विभाग के सहयोग से  स्किल ओरियंटेड टेक्निकल इंस्टिट्यूट शुरू करने, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन, माइनिंग और एनवायरनमेंट में एमटेक शुरू करने, भारतीय पुनर्वास परिषद के सहयोग से निशक्त जनों के लिए शिक्षा संकाय के तहत 7 नए पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय भी किया गया  पैरामेडिक क्षेत्र में बीएससी नर्सिंग, जीएनएम एवं एएनएम के नए पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही क्लिनिकल साइकोलॉजी में नया पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई जो किसी बड़े मेडिकल संस्थान के साथ मिलकर चलाया जाएगा। ये पाठ्यक्रम अगले सत्र से शुरू होंगे।
 

फिजिकल एजुकेशन में नई फैकल्टी बनाने एवं योग में एक नए विभाग को शुरू करने पर भी विचार किया गया। नवीन सत्र में बीटेक के पहले वर्ष में प्रवेश एवं पाठ्यक्रम प्रक्रिया में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के नियमों को स्वीकार करने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही मानविकी संकाय में चौथे सेमेस्टर में वागड़ के लोक साहित्य विषय का अध्ययन वैकल्पिक विषय के तौर पर किया जा सकेगा। एकेडमिक काउंसिल में  निंबाहेड़ा स्थित कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के नए एवं मल्टी फैकल्टी कैंपस के रूप में विकसित करने पर सैद्धांतिक सहमति दी गई। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार को भेजा जाएगा। सरकार एवं कुलाधिपति के अनुमोदन के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सोचते हुए एकेडमिक काउंसिल में यह भी निर्णय किया गया कि विश्वविद्यालय में अब कागज पर दोनों तरफ प्रिंटिंग की जाएगी ताकि कागज की बर्बादी ना हो। बैठक में सभी डीन डायरेक्टर्स, विभाग अध्यक्षों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से भाग लिया। संचालन कार्यवाहक रजिस्ट्रार भूपेश माथुर ने किया।

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