उदयपुर 17 दिसम्बर 2021। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर का 15 वा दीक्षांत समारोह सोमवार 20 दिसंबर को आयोजित किया जायेगा। शुक्रवार को कुलपति सचिवालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में माननीय कुलपति डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि दीक्षांत समारोह के आयोजन की सभी तैय्यारियां पूर्ण कर ली गयी हैं।
माननीय कुलपति ने बताया कि माननीय राज्यपाल राजस्थान एवं कुलाधिपति एमपीयूएटी श्रीमान कलराज मिश्र दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। माननीय राज्यपाल महोदय दोपहर 12.00 बजे समारोह स्थल MLSU के स्वामी विवेकानंद सभागार में पहुचेंगे जहाँ उनके स्वागत के पश्चात् दीक्षांत समारोह प्रारंभ होगा। राज्य के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि होंगे। दीक्षांत समारोह में डॉ दुर्ग सिंह चौहान, पूर्व कुलपति डॉ. ए.पी.जे.ए. कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ दीक्षांत उद्बोधन प्रदान करेंगे।
कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात् माननीय कुलाधिपति महोदय योग्य छात्र छात्राओं को उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्रदान करेंगे। तत्पश्चात क्रमशः डॉ चोहान, माननीय कृषि मंत्री एवं माननीय राज्यपाल महोदय अपना उद्बोधन प्रदान करेंगे। समारोह के प्राम्भ में राज्यपाल महोदय उपस्थित विद्यार्थियों, अतिथियों एवं अभिभावकों को संविधान की शपथ दिलाएंगे और अंत में कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान से होगा।
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ सुनील इंटोदिया ने बताया की इस दीक्षांत समारोह में 938 उपाधियाँ प्रदान की जाएगी, जिनमें कृषि, इंजीनियरिंग, सामुदायिक विज्ञान, खाद्य एवं आहारिकी, डेयरी टेक्नोलॉजी व मात्स्यकी संकाय में 706 स्नातक, 150 स्नातकोत्तर व 82 विद्या-वाचस्पति की उपाधियाँ प्रदान की जाएगी। इस समारोह में स्नातक स्तर पर सभी संकायों में कुल 13 स्वर्ण पदक, स्नातकोत्तर स्तर पर 16 व पी.एच.डी. स्तर पर 5 एवं जैन इरिगेशन द्वारा इंजीनियरिंग संकाय के 2 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे।
इसके अलावा एक विद्यार्थी को चांसलर्स गोल्ड मेडल और माननीय कुलपति द्वारा अभियांत्रिकी संकाय के एक विद्यार्थी को अपने पिता श्री की स्मृति मे ‘‘श्री फूल सिंह राठौड मेमोरियल स्वर्ण पदक‘‘ सहित कुल 38 स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। इस दीक्षांत समारोह में प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय की पी.एच.डी. छात्रा स्व. शिवानी जौहरी को मरणोपरांत इलेक्ट्रिीकल इंजीनियरिंग मे पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की जाऐगी। उल्लेखनीय है कि छात्रा की कोरोना से मृत्यु हो गई थी परंतु उसका पी.एच.डी. शोध ग्रंथ परीक्षकों द्वारा प्रमाणित किया जा चुका था।
उन्होंने बताया कि इस अकादमिक सत्र से ही डिग्री प्रमाण पत्र की गुणवत्ता में भी अनेक सुधार किये गए हैं, यह उच्च कोटि के आसानी से न फटने वाले, वाटर प्रूफ और ए-4 साइज के कागज पर तैयार की जाऐगी। डिग्री में अनेक सिक्युरिटी फीचर्स भी अपनाए गये हैं। हिन्दी व अंग्रजी दोनों भाषा में छपी डिग्री पर विद्यार्थी का रंगीन फोटो, क्यूआर कोड इत्यादि अनेक सुरक्षा उपाय भी किये गये हैं।
माननीय कुलपति ने बताया कि हाल ही मे आइ.सी.ए.आर. द्वारा जारी रैंकिंग मे एमपीयूऐटी ने राजस्थान मे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर प्रदेश का गोरव बढाया है, हमने राजस्थान में प्रथम स्थान और देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों मे 11 वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि एमपीयूऐटी ने पूरे देश के कृषि संस्थानों एवं कृषि विश्वविद्यालय की सूचि में 26 वें स्थान से छलांग लगा कर 15 वां स्थान प्राप्त किया है।
उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में आइ.सी.ए.आर. द्वारा विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों को एक्रीडेट कर दिया गया है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर एमपीयूऐटी की पहचान बनी है और विभिन्न केंद्र पोषित परियोजनाओं को वित्तीय मदद मिलेगी। इससे हमारे विद्यार्थियों को फ़ाइनल इयर में इंटर्न शिप के दोरान वजीफ़ा मिल सकेगा और अन्य कृषि संस्थानों व कृषि विश्वविध्यालयो में उच्च अध्ययन में प्रवेश के लिए भी प्राथमिकता मिलेगी ।
कुलपति ने बताया कि एमपीयूऐटी द्वारा बांसवाड़ा मे नये उद्यानिकी महाविद्यालय, सलूम्बर मे एक जनजाति कृषि अनुसन्धान संस्थान का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा रहा है। इसी के साथ बांसवाड़ा स्थित गोविंद गुरू राजकीय कृषि महाविद्यालय को एमपीयूऐटी के संगठक महाविद्यालय के रूप मे संचालित करने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा जा रहा है। उन्होंने पाठ्यक्रम में स्टूडेन्ट रेडी व आइडिया को सम्मिलित करने के महत्व पर प्रकाश डाला जिससे हमारे विद्यार्थियों में कौशल विकास व उद्यमिता विकास होगा ।
माननीय कुलपति ने बताया कि विश्वविध्यालय में लम्बे समय से प्राध्यापको को प्रमोशन व केरियर एडवांसमेंट नहीं हो पाए थे अतः उन्होंने हाल ही में विभिन्न विषयों के साक्षात्कार करवा कर 43 प्राध्यापको को प्रमोशन दिया है जिसका अनुमोदन विगत 55वीं प्रबन्ध मण्ड़ल की बैठक में सर्वसम्मति से किया गया था। इसके तहत 04 सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ वेतनमान, 32 सहायक प्राध्यापकों को सहप्राध्यापक एवं 07 सहप्राध्यापकों को प्राध्यापक पद पर पदोन्नत किया गया है । इस प्रक्रिया से विश्वविद्यालय के शिक्षकों और वैज्ञानिको में सकारात्मक सन्देश गया है एवं उनमे कार्य के प्रति लगन एवं निष्ठा का संचार हुआ है।
उन्होंने बताया कि डेयरी टेक्नोलॉजी महाविद्यालय में प्रारंभ किए गए एम.टेक. डेयरी केमिस्ट्री एवं डेयरी माइक्रो बायोलॉजी पाठ्यक्रमों में एवं सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के सभी पाँच विभागों के स्नातकोत्तर व पी.एच.डी. पाठ्यक्रमों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की विस्तृत विषयवस्तु क्षेत्र (बसमा) समितियों द्वारा प्रस्तावित नवगठित पाठ्यक्रमों का अनुमोदन किया गया है। यह पाठ्यक्रम इसी अकादमिक सत्र 2021-22 से लागू हो जाएंगे। जिससे एमपीयूएटी के विद्यार्थियों को सम्पूर्ण देश के समान पाठ्यक्रम पढ़ने का अवसर मिलेगा।
इसी कड़ी में आई.सी.ए.आर., नई दिल्ली के बसमा दिशा-निर्देशानुसार विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर व पीएच.डी. के नियमों की अनुशंसा को भी अपनाया गया है ।
प्रेस कांफ्रेंस में दीक्षांत समारोह समन्वयक ओर सीटीएई के अधिष्ठाता डॉ. पी.के.सिंह, निदेशक अनुसंधान डॉ. एस. के. शर्मा, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर ए कौशिक, परीक्षा नियंत्रक व कार्यवाहक कुलसचिव डॉ सुनील इंटोदिया, स्मार्ट विलेज समन्वयक डॉ. आई जे माथुर, प्रेस व पब्लिकेशन कमिटी अध्यक्ष डॉ. एन के जैन, मीडिया प्रभारी डॉ सुबोध शर्मा ने भाग लिया एवं प्रेस व मीडिया के प्रश्नों के उत्तर दिए । बैठक के अंत में डॉ. पी.के.सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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