गीतांजली इन्स्टिटयूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज, उदयपुर में विद्यार्थियों के अन्दर नवाचार, उद्यमिता एवं अन्तरप्रन्योरशिप को बढावा देने के लिए भारत सरकार के माइक्रों, स्माल, मिडियम इन्टरप्राईजेज (एम.एस.एम.ई.) ने अपने केन्द्र की स्थापना की हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. एन.एस. राठौड ने बताया कि किसी भी देश की अर्थव्यस्था में उद्यमिता का बहुत महत्व होता हैं। उद्यमिता ही उस देश की मूलाधार होती हैं। उद्यमिता के बिना सारे तकनीक एवं संसाधन व्यर्थ होते हैं। भारत जैसे विकासशिल देशों में उद्यमिता एवं अन्तरप्रन्योरशिप ही विकास की सीढी हैं। ऐसे में उद्यमिता एवं अन्तरप्रन्योरशिप को बढावा देने के लिए गिट्स हमेशा से ही अग्रसर रहा हैं।
इसी के तहत भारत सरकार के माइक्रों, स्माल, मिडियम इन्टरप्राईजेज (एम.एस.एम.ई.) मंत्रालय ने करार के तहत अपने केन्द्र की स्थापना की हैं। गिट्स को यह केन्द्र यहां की लेब, इनोवेशन सेल द्वारा जीते गये पुरस्कारों राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रयोगशालाए एवं यहां के रिसर्च के वातावरण को देखते हुए मिला हैं। इस केन्द्र की स्थापना होने से विद्यार्थियों के नवाचार को अमल में लाने के लिए 15 लाख तथा नवाचार को बिजनेस में बदलने के लिए 1 करोड रूपये की सहायता राशि (एम.एस.एम.ई.) द्वारा प्रदान की जायेगी।
इस केन्द्र की स्थापना में डॉ. मयंक पटेल, डॉ. विशाल जैन एवं असिस्टेंट प्रो. लतिफ खान की भूमिका सराहनीय रही। विद्यार्थियों के नवाचार को बढावा देने और एम. एस.एम.ई. केन्द्र की स्थापना के लिए वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने पूरे गीतांजली परिवार के योगदान की सराहना की हैं।
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