कोरोना काल में अभिभावकों को एक बड़ा झटका लगा है। अब स्कूल संचालक अभिभावको से पूरी फीस ले सकेगें। वहीं 70% फीस लेने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती की बेंच ने निजी स्कूल फीस विवाद पर 18 दिसंबर 2020 को फैसला सुनाया था। खंडपीठ ने कहा था कि जिन निजी स्कूलों ने कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई कराई है, वे ट्यूशन फीस का 70% ही फीस के तौर पर लेंगे।
खंडपीठ ने यह भी शर्त जोड़ी थी कि निजी स्कूल राजस्थान सरकार की 28 अक्टूबर 2020 को लागू की गई सिफारिशों के अनुसार ही फीस ले सकेंगे। हाईकोर्ट में राजस्थान सरकार सहित कई पक्ष थे। इस मामले पर राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर एक कमेटी बनाई थी, कमेटी ने अपनी सारी सिफारिशें 28 अक्टूबर को दी थीं। इन सिफारिशों में कहा गया था कि जो स्कूल ऑनलाइन क्लासेज चला रहे हैं, वे ट्यूशन फीस का 70% हिस्सा फीस के रूप में ले सकते हैं।
स्कूलों के खुलने के बाद बोर्ड जितनाभी कोर्स तय करेगा, तब स्कूल उस कोर्स को पढ़ाए जाने की फीस ले सकेंगे। हालांकि अभी सुप्रीम कोर्ट के पूरे फैसले का अभी इंतजार है। पूरा फैसला आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि अभिभावकों को अब कितनी फीस देनी होगी। वहीं अब अभिभावकों को भी इस संबंध में राजस्थान सरकार के निर्णय का इंतजार है।
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