एंटीबायोटिक्स के समुचित इस्तेमाल, दवाओ के साइड इफेक्ट्स की जानकारी व रिर्पोटिंग (फार्मेकोविजिलेंस), क्लिनिकल रिसर्च मे, दवा वितरण एंवम् दवाओ पर शोध द्वारा क्वालिटी हेल्थ केयर उपलब्ध कराने मे फार्मासिस्ट की एक महती भूमिका है। इसी परिप्रेक्ष्य मे गीतांजली युनिवर्सिटी के गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ़ फार्मेसी द्वारा हेल्थकेयर एंव रिसर्च मे क्लिनिकल फार्मासिस्ट की भूमिका पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया ।
वेबिनार मे दक्षिण एशिया के मालदीव्स मे ट्री टापॅ अस्पताल मे क्लिनिकल फार्मासिस्ट व विभागाघ्यक्ष पद पर कार्यरत डॉ. शशिकांत मोरे ने एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट व एंटीमाइक्रोबियल स्टीवार्डशिप प्रोगाम पर अपना व्याख्यान दिया। वेबिनार मे बतौर मुख्य वक्ता उन्होने बताया कि फार्मासिस्ट एंटीबायोटिक समेत अन्य दवाओ के समुचित उपयोग की जानकारी साझा कर स्वास्थय सेवाओ मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है।
वेबिनार के दूसरे वक्ता डॉ. दीपक सुतार, क्लिनिकल रिसर्च एबियोजिनेसिस क्लिनिकल फार्म हैदराबाद ने क्लिनिकल ट्रायल मे फार्मासिस्ट की भूमिका पर प्रकाश डाला।
संस्था के प्रधानाचार्य डॉ. महेन्द्र सिंह राठौड ने आमंत्रित वक्ताओं का स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नरेद्र परिहार ने किया ।
वेबिनार मे फार्मेसी क्षेत्र के 200 से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण कराया ।
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