मनोहर सिंह के अभीनय जीवन पर आधारित नाटक - ‘‘मैं मनोहर सिंह हूँ।’’ का मंचन


मनोहर सिंह के अभीनय जीवन पर आधारित नाटक - ‘‘मैं मनोहर सिंह हूँ।’’ का मंचन

सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मद्देनज़र हुआ मंचन।
 
मनोहर सिंह के अभीनय जीवन पर आधारित नाटक - ‘‘मैं मनोहर सिंह हूँ।’’ का मंचन

नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रामेटिक एंड परफोर्मिंग आर्ट्स, उदयपुर और ऐक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन, कुल्लू, हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसिय नाट्य संध्या का आयोजन किया गया। 

इस नाट्य संध्या में देश के जाने माने रंग अभिनेता मनोहर सिंह के अभिनय जीवन पर आधारित नाटक ‘‘मैं मनोहर सिंह हूँ।’’ का मंचन किया गया। इस नाटक का कॉन्सैप्ट, अभिनय एवं निर्देशन कुल्लू के कलाकार केहर सिंह ठाकुर का रहा।

कार्यक्रम संयोजक मोहम्मद रिज़वान ने बताया कि यह नाटक ‘मैं मनोहर सिंह हूं’ विख्यात रंगमंच अभिनेता मनोहर सिंह की अभिनय पद्धति पर आधारित है। किस प्रकार से उन्होंने अभिनय की शुरूआत की। कैसे वे अपने द्वारा अभिनीत किए जाने वाले चरित्र की तैयारी करते थे और कैसे उसे आत्मसात करते थे। प्रस्तुत नाटक में उनके समकक्ष अभिनेताओं व अभिनेत्रियों खास तौर से मनोहर के अनुसार सुरेखा सिकरी और उत्तरा बावकर की चरित्र निर्माण की विधि की भी चर्चा करने की कोशिश की गई है।

मनोहर सिंह द्वारा अभिनीत चर्चित नाटकों जैसे आधे अधूरे, लुक बैक इन एंगर, संध्या छाया, ओथेलो, किंग लीयर, तुगलक, दांतो की मौत तथा हिम्मत माई का हवाला देते हुए नाटक में मनोहर की शिमला के एक छोटे से गांव के साधारण लड़के से एक विख्यात अभिनेता बनने तक की यात्रा की चर्चा करने की कोशिश की है और अन्ततः अपने करियर के एक पड़ाव में थिएटर, सिनेमा और सीरियलों में समन्वय स्थापित करते करते केंसर की लम्बी जदोजहद के बाद इस दुनिया से विदा हो जाते हैं। नाटक देश भर में रंगकर्मियों की बुरी स्थिति के बारे में सवाल उठाता है और हर राज्य सरकारों से आग्रह करता है कि अच्छा रंगकर्म करने वालों को सुविधाएं दे, सम्मान दे।

नाटक के अभिनेता और निर्देशक केहर सिंह ठाकुर ने कहा कि ‘इस नाटक ‘मैं मनोहर सिंह हूँ।’’ के माध्यम से चरित्र निर्माण की प्रक्रिया के साथ ही अलग-अलग अभिनय पद्धतियों के बारे में चर्चा करना है।’ कलाकारों में मंच पर केहर सिंह ठाकुर ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। मंच पार्श्व में वस्त्र व सैट परिकल्पना और प्रकाश मीनाक्षी ठाकुर, ध्वनि संचयन रेवत राम विक्की और ध्वनि संचालन वैभव ठाकुर का रहा। 

नाटक की समाप्ति पर नाट्यांश के अध्यक्ष अशफाक नुर खान और सचिव अमित श्रीमाली ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिवादन किया।

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