अनूप जलोटा के भजनों, गीतों और गज़लों पर झूमे श्रोता

अनूप जलोटा के भजनों, गीतों और गज़लों पर झूमे श्रोता

शिल्पग्राम में ऋतु वसंत

 
अनूप जलोटा के भजनों, गीतों और गज़लों पर झूमे श्रोता

जय प्रभा का मोहिनी अट्टम कल

उदयपुर 16 मार्च 2021। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित शास्त्रीय संगीत व नृत्य समारोह ‘‘ऋतु वंसत’’ के दूसरे दिन पद्मश्री अनूप जलोटा ने अपनी गायकी के रंग से श्रोताओं का ऐसा रंगा कि दर्शक झूम उठे। जलोटा ने अपने पुरकशिश अंदाज में भजन, गीत, गज़ल और सूफी सुना कर दर्शकों पर अपने गायन का जादू सा कर दिया। तीन दिवसीय ऋतु वसंत के आयोजन में बुधवार शाम देश की सुविख्यात नृत्यांगना जय प्रभा मेनन द्वारा मोहिनी अट्टम की प्रस्तुति दी जावेगी।

शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पिता और गुरू पं. पुरूषोत्तम दास जलोटा के सुपुत्र और 2012 में पद्मश्री से सम्मानित अनूप जलोटा ने मेवाड़ की धरा पर अपना पहला भजन मीरा पर अधारित ‘‘ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन’’ सुनाया। इस दौरान उन्होंने रोचक किस्से भी कहे। दर्शकों से वार्तालाप और तारतम्य बनाते हुए जलोटा ने दर्शकों से समवेत स्वर में यह भजन भी गवाया। इसके पश्चात उन्होंने ‘‘सुरीले अंदाज में अपनी सह गायिका नताशा अग्रवाल के साथ श्री कृष्ण के स्तुति ‘‘अच्युतम केशवम, कृष्ण दामोदरम् राम नायणम जानकी वल्लभम्’’ सुना दर्शकों का दिल जीत लिया।

सर्वाधिक प्लेटीनम अवार्ड में गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवाने वाले अनूप जलोटा ने इसके बाद  श्री राम का भजन ‘तेरे मन में राम तन में राम..’’ सुनाया जिसमें जीवन की तीन अवस्था में युवा अवस्था के लिये गाई पंक्तियों में ‘‘बचपन बीता खेल में भरी जवानी सोया..’’ में ‘सोया’ शब्द को विभिन्न अंदाज में सुना कर दर्शकों की दाद लूटी। इस बीच एक दर्शक द्वारा गजल की फरमाईश करे पर जलोटा ने जगजीत सिंह की गजलों का सिलसिला अनूठे अंदाज में शुरू कर दिया। उन्होने पहले ’’तुम इतना क्यूं मुस्कुरा रहे हो सुनाया तो दर्शको ने करतल ध्वनि से जलोटा का अभिवादन किया। इसके बाद उन्होंने जगजीत की ही एक और प्रसिद्ध गज़ल ‘‘होठों से छू लो तुम.. ’ पेश की जिसमें उन्होंने दर्शकों को भी गाने का अनुरोध किया तो पूरा दर्पण सभागार समवेत स्वरों से गूंज उठा।

जलोटा ने इसके बाद ‘मस्त कलंदर’ सुनाया जिस पर दर्शकों ने लय के साथ तलियाँ बजा कर संगत की। बचपन से गायन के शौकीन अनूप जलोटा ने अपनी प्रस्तुति में एक और भजन ‘‘मेरी बंसी अचानक टूट गई’’ सुनाया वहीं भजन ‘सांवरे की बंसी को बनजे से काम..’ को दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया। अनूप जलोटा के साथ तबले पर देवेन्द्र कुमार, वायलिन पर मोहम्मद राशिद खां, गिटार पर हिमांशु तिवारी डी.सी. देवडा़ व अलंकार देवड़ा ने संगत की।

अनूप जलोटा के कार्यक्रम से पहले संभागीय आयुक्त विकास सीताराम भाले, केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता एवं पद्मश्री अनूप जलोटा ने दीप प्रज्ज्वलित किया। केन्द्र निदेयाक द्वारा अतिथि कलाकारों का पुष्प गुच्छ व पुष्प कलिका से स्वागत किया गया।

तीन दिवसीय ‘‘ऋतु वसंत’’ के तीसरे व अंतिम दिन देश की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना जय प्रभा मेनन द्वारा मोहिनी अट्टम प्रस्तुत किया जायेगा।
 

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