उदयपुर 15 मार्च 2021। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित शास्त्रीय संगीत व नृत्य समारोह ‘‘ऋतु वंसत’’ का आगाज़ सोमवार शाम हुआ जिसमें पद्मश्री से सम्मानित दो कला साधकों ने अपने-अपने साज़ों पर अंगुलियों की फिसलन से समां बांध दिया इनमें पहले उस्ताद मोईनुद्दीन खां ने जहां भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराईयों से श्रोताओं को रिझाया वहीं एक अन्य विभूति लोक कलाकार लाखा खां ने लोक संगीत की अप्रतिभ स्वर लहरियों से दर्शकों को रूबरू करवाया। समारोह के दूसरे दिन मंगलवार शाम पद्मश्री से सम्मानित तथा भजन सम्राट व गायक अनूप जलोटा का गायन होगा।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन पद्मश्री से सम्मानित उस्ताद मोईनुद्दीन खां ने अपनी सारंगी की धुन से सम्मोहित सा कर दिया। उस्ताद मोईनुद्दीन ने अपने वादन की शुरूआत ‘‘राग मारू विहाग’’ से की जिसमें उनके वादन की गहराई तथा सुरों का मिश्रण अनूठा व अनुपम बन सका। जयपुर घराने से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद मोईनुद्दीन खां ने इसके बाद राग मिश्र पीलू में दादरा पेश किया जिसमें सुरों का गाम्भीर्य और मिठास दर्शकों का खूब भाया। सारंगी गायकी का प्रमुख हिस्सा है जिसे उस्ताद मोईनुद्दीन खां ने अपने गायन के साथ अनूठे अंदाज में दर्शाया। उस्ताद मोईनुद्दीन के साथ तबले पर पं. घनश्याम राव ने संगत की वहीं तानपुरे पर निधी और डिम्पी ने सुर साधे।
ऋतु वसंत की पहली शाम दर्शकों को प्याली सिन्धी सारंगी के सुरों को सुनने का अवसर मिला। जोधपुर की बाग तहसील के रानेरी गांव के लोक कलाकार पद्मश्री लाखा खां ने अपने चिरपरिचित अंदाज में सारंगी पर लोक धुनों की झड़ी सी लगा दी। उन्होंने एक-एक कर लोक गीतों को अपनी सारंगी के सुरों में उत्कृट ढंग से पिरोया जिसे सुन दर्शक लोक स्वर सरिता में बह से गये। पद्मश्री लाखा खां ने इस अवसर पर वैवाहिक अवसरों पर गाये जाने वाले गीत ‘बन्ना बन्नी’, पावस ऋतु के गीतों को मधुर अंदाज में सुनाया। वहीं इस अवसर पर उन्होने सूफी सुनाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। पद्मश्री लाखा खां के साथ ढोलक पर मुश्ताक खां तथा सह गायन में पप्पू खां का सहयोग मिला।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि मोहन लाल सुखाड़िया वियवविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरीका सिंह, केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता, पद्मश्री उस्ताद मोईनुद्दीन खां तथा पद्मश्री लाखा खां ने दीप प्रज्ज्वलित कर ऋतु वसंत की सांझ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्र द्वारा दोनों कला विभूतियों का शाॅल ओढ़ा कर सममान किया गया। कार्यक्रम का संयोजन सालेहा गाजी़ द्वारा किया गया।
समारोह के दूसरे दिन पद्मश्री अनूप जलोटा का गायन होगा। कोविड प्रोटोकाॅल के कारण दर्पण सभागार में सीटों की संख्या कम की गई है। किन्तु कार्यक्रम में सीट बुकिंग हेतु केन्द्र की वेबसाइट www.wzccindia.com पर लिंक के जरिये सीट आरक्षित करवा सकते हैं
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