दीपिका की 'छपाक' राज्य में करमुक्त

दीपिका की 'छपाक' राज्य में करमुक्त 

राज्य के सभी मल्टीप्लेक्स और सिनेमघरो में फिल्म पर एसजीएसटी में छूट दी गई है। इस दौरान सामान्य प्रवेश शुल्क में वृद्धि नहीं की जा सकेगी और ना सीटों में वृद्धि होगी। छपाक फिल्म पर राज्य में यह छूट छह माह तक लागू रहेगी। 
 
दीपिका की 'छपाक' राज्य में करमुक्त
मेघना गुलजार निर्देशित और दीपिका पादुकोण अभिनीत और निर्मित 'छपाक' ऐसिड अटैक विक्टिम सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित है। जिसमे दीपिका ने ऐसिड विक्टिम सर्वाइवर मालती का किरदार पर्दे पर निभाया है। 

उदयपुर 11 जनवरी 2020 । दीपिका पादुकाओं की चर्चित फिल्म छपाक को राजस्थान राज्य में करमुक्त (टैक्स फ्री) कर दिया गया है। एसिड अटैक पीड़िताओं पर बनी इस फिल्म को राज्य सरकार ने कल शुक्रवार को एक करमुक्त का आदेश जारी किया। 

राज्य के सभी मल्टीप्लेक्स और सिनेमघरो में फिल्म पर एसजीएसटी में छूट दी गई है। इस दौरान सामान्य प्रवेश शुल्क में वृद्धि नहीं की जा सकेगी और ना सीटों में वृद्धि होगी। छपाक फिल्म पर राज्य में यह छूट छह माह तक लागू रहेगी। 

इस दौर में जिस तरह से सामजिक मुद्दों वाली और महिलाओं की त्रासदी को दिखानेवाली फिल्मों का ट्रेंड चला है, उसमें मेघना गुलजार निर्देशित और दीपिका पादुकोण अभिनीत और निर्मित 'छपाक' सबसे मजबूत कॉन्टेंट के साथ प्रस्तुत हुई हैं। छपाक फिल्म की कहानी ऐसिड अटैक विक्टिम सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित है। जिसमे दीपिका ने ऐसिड विक्टिम सर्वाइवर मालती का किरदार पर्दे पर निभाया है। फिल्म में दीपिका पादुकोण के अतिरिक्त विक्रांत मेसी, मधुरजीत सरगी, अंकित बिष्ट, देलजाद हिवाले और गोविंद सिंह संधू जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है। 

क्या है छपाक की कहानी 
कहानी की शुरुआत ऐसिड पीड़िता सर्वाइवर मालती (दीपिका पादुकोण) से होती है, जो नौकरी की तलाश में है। इस कोशिश में उसे बार-बार तेजाबी हमले से हुए उसके बदसूरत चेहरे की याद दिलाई जाती है। कई सर्जरी से गुजर चुकी मालती को जब एक पत्रकार ढूंढकर उसका इंटव्यू करती है, तब कहानी की दूसरी परतें खुलती हैं। 
मालती ऐसिड विक्टिम सर्वाइवर्स के लिए काम करनेवाले एनजीओ से जुड़ती है, जहां कई ऐसिड विक्टिम्स के साथ एनजीओ के कर्ता-धर्ता अमोल (विक्रांत मेसी) से मिलती है। उसके बाद तेजाबी हमले की शिकार दूसरी लड़कियों के जरिए मालती की दारुण त्रासदी सामने आती है। 
19 साल की खूबसूरत और हंसमुख मालती (दीपिका पादुकोण) सिंगर बनने के सपने देख रही, मगर बशीर खान उर्फ बबू द्वारा किए गए अमानुषी एसिड अटैक के बाद उसकी जिंदगी पहले जैसे कभी नहीं रह पाती। घर में टीवी की बीमारी से ग्रसित भाई, आर्थिक तंगी से जूझते माता-पिता और उसमें मालती की अनगिनत सर्जरी के बीच पुलिस इन्वेस्टिगेशन और कोर्ट-कचहरी के चक्कर। 
तेजाबी हमले के बाद कुरूप हुए चेहरे और समाज के तमाम ताने-उलाहनों और तिरस्कार के बीच एक चीज नहीं बदलती और वह होता है, परिवार का सपॉर्ट और वकील अर्चना (मधुरजीत सरघी) का मालती को इंसाफ दिलाने का जज्बा। अर्चना की प्रेरणा से ही वह ऐसिड को बैन किए जाने की याचिका दायर करती है। इस हौलनाक सफर में मालती का चेहरा भला छीन लिया जाता हो, मगर उसकी मुस्कान कोई नहीं छीन पाता।

निर्देशक के रूप में मेघना गुलजार की खूबी यह है कि उन्होंने कहानी को रियलिस्टक रखा है। ऐसिड अटैक की त्रासदी को कहीं भी मेलोड्रैमेटिक या सनसनीखेज नहीं होने दिया।  मेघना सुंदरता की परंपरागत धारणा पर भी प्रहार करती नजर आती हैं।

निर्मात्री और अभिनेत्री के रूप में तेज़ाब से जले चेहरे के साथ पेश होना दीपिका पादुकोण जैसी ग्लैमरस एक्ट्रेस के लिए साहसी कदम ही कहा जाएगा, मगर वे एसिड विक्टिम सर्वाइवर मालती की भूमिका को जीवंत कर गई हैं।  

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal