47वें अखिल भारतीय लेखांकन सम्मेलन एवं इनटरनेशनल सेमीनार का समापन


47वें अखिल भारतीय लेखांकन सम्मेलन एवं इनटरनेशनल सेमीनार का समापन

नेशनल अकांटिंग टेलेंट सर्च एंड अवार्ड तथा बेस्ट पेपर अवार्ड  के विजेता हुए पुरूस्कृत 

 
Udaipur

उदयपुर13 अक्टूबर 2025 । भारतीय लेखांकन परिषद उदयपुर शाखा एवं राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय 47वीं ऑल इंडिया अकाउंटिंग कॉन्फ्रेंस एंड इंटरनेशनल सेमिनार का समापन सोमवार को हुआ।

समापन सत्र को संबोधित करते हुए विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि  दो दिवसीय विचार मंथन से लेखांकन के विभिन्न और महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होने के साथ ही कई अहम तथ्य भी सामने आए है। उन्होने कहा कि अकांटिंग में भारतीय दृष्टि का समावेश कर शोध निष्कर्षो को संस्कृति-शिक्षा से जोड़ा जाना चाहिए। पारंपरिक भारतीय बौद्विकता को आधुनिक लेखांकन अनुसंधान के सममिश्रण से शिक्षा को नवोन्मेषी आयाम प्रदान करने का आधार तैयार किया जा सकता है। सारंगदेवोत ने वर्तमान तकनीकी परिदृश्य को देखते हुए कहा कि अकांटिंग में एआई के उपयोग से न केवल विश्लेषण की गति बढ़ी है,बल्कि निर्णय की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।उन्होने कहा कि अब समय आ गया है जबकि संख्याओं को नैतिकता और डेटा को दृष्टि से जोड़ा जाए।

एमपीपीयूटी के कुलपति प्रो. अजित कुमार कर्नाटक ने अपने उदबोधन में इन सेमीनारों के माध्यम से शिक्षा का समाज और राष्ट्र के लिए उपयोग के भावों को आधार बना कर पारदर्शिता, विश्वसनीयता और तकनीकी के आयामों का अनुसरण करके आर्थिक सुधारों और तकनीकी प्रणालियों को जन जन तक पहुंचाना। शिक्षा का उददेश्य केवल नौकरी पाना नहीं, एक अच्छा इंसान बनाना आवश्यक है।  

आईएए के जनरल सेके्रट्री संजय भयाणी, संगोष्टी सचिव डॉ. शूरवीर सिंह भानावत ने समापन सत्र में स्वागत उद्बोधन के माध्यम से संगोष्टी में हूए विचार मंथन का निचोड़ एवं उसके उपयोग और संभावनाओं के बारे में बताया।  समापन सत्र के दौरान सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी गुजरात के कुलपति प्रो. प्रताप सिंह चैहान, वीएमओयू के कुलपति प्रो. बीएल वर्मा, इगनू के पूर्व कुलपति प्रो. नागेश्वर राव, गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के कुलपति प्रो. के. एस. ठाकुर ,डॉ. पुष्पकांत शाकद्वीपीय ने भी विचार व्यक्त किए। 

निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत ने बताया कि समारोह में अतिथियों द्वारा प्रो. एनएम खण्डेवाल द्वारा लिखित पुस्तक नीति, संगठनात्मक व्यवहार का विमोचन किया गया। 

संगोष्टी सचिव डॉ. शूरवीर सिंह भानावत ने बताया कि आयोजित दो दिवसीय सेमीनार में 6 विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें 239 शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण के साथ लेखांकन के विभिन्न मुद्दों पर विचार मंथन किया गया। शोधपत्रों के द्वारा प्राप्त सूचनाओं और तथ्यों को अकांटिंग व संबंधी विभिन्न क्षेत्रों के साथ साथ नियम निर्धारण के लिए उपयोग में लाया जाएगा। स्मापन सत्र में नेशनल एकाअंटिंग टेलेंट सर्च एंड अवार्ड  का डिक्लेरेशन किया गया।  विभिन्न तकनीकी सत्रों के बेस्ट पेपर अवार्ड की घोषणा कर विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। संगोष्टी प्रतिवेदन डाॅ शिल्पा लोढ़ा ने प्रस्तुत किया।

इस मौके पर  प्रो. जी. साइमन, डाॅ सत्यजीत धार, डाॅ. नीमी देव,प्रो जीतेन्द्र जैन,प्रो अरिन्दम गुप्ता , सीएमए डाॅ. जी. नरेश रेड्डी, प्रो. जी. सौरल  पूर्व अध्यक्ष भारतीय लेखा परिषद, रजिस्ट्रार डाॅ. तरूण श्रीमाली, प्रो. सरोज गर्ग, प्रो. गजेन्द्र माथुर, प्रो. आईजे माथुर, डाॅ. पारस जैन, डाॅ. युवराज सिंह राठौड, डाॅ. बलिदान जैन, डाॅ. नीरू राठौड,  डाॅ. रचना राठौड, डाॅ. अमी राठौड, डाॅ. सुनिता मुर्डिया, डाॅ. अपर्णा श्रीवास्तव, डाॅ. सौरभ सिंह, डॉ.शिल्पा वर्डिया, डॉ. अभय जारौली, डॉ. हेमंत कडुनिया, डाॅ. पंकज रावल सहित, डाॅ. इंदू बाला आचार्य, डाॅ. जय सिंह जोधा उपस्थित रहे। 

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