1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाला T55 बैटल टैंक अब उदयपुर में

 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाला T55 बैटल टैंक अब उदयपुर में

फ़तहसागर मोती मगरी स्थित महाराणा प्रताप के स्मारक स्थल पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने T-55 का अनावरण किया

 
T55 will now be a prized possession of Udaipur unveiled at Pratap Smarak Moti Magri Udaipur

T-55 सन 1965 में भारतीय सेना में शामिल किया गया और सन 2011 तक अपनी सेवाएं देता रहा

प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र अपने एक दिवसीय प्रवास पर आज उदयपुर आए और फ़तहसागर मोती मगरी स्थित महाराणा प्रताप के स्मारक स्थल पहुंचे। मेवाड़ के पूर्व राज परिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह ने उनका स्वागत किया।

राज्यपाल मिश्र ने महाराणा प्रताप और उनके वीर सेना नायकों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया और युद्ध के मैदान में पाकिस्तानी सेना को शिकस्त देने में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के टैंक T-55 का उदघाटन किया। इस मौके पर पूर्व सेना अधिकारी के साथ भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के परिवार के सदस्य मौजूद रहे।

T--55 Tank Unveiled at Pratap Smarak Moti Magri Udaipur by Governor Kalraj Mishra

उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि T-55 टैंक देश कि सेना की शौर्यगाथा का गवाह है, जो यहां की युवा पीढ़ी को हर समय भारतीय सेना के साहस से परिचय कराता रहेगा। साथ ही उन्हें सेना में जाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि देश को आजादी भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु के बलिदान से मिली है। उनके बलिदान आज भी युवा प्रेरित होकर देश की सेवा की ओर अग्रसर होते हैं।

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इस मौके पर मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने महाराणा प्रताप के चेतक और हाथी रामप्रसाद उस समय को उस दौर का टैंक बताया। जो युद्ध में दुश्मनों को परास्त करने में मुख्य भूमिका अदा करते थे। आपको बता दें कि यह टैंक भारतीय सेना ने मोतीमगरी में देशवासियों के देखने के लिए गिफ्ट किया है। इस टैंक ने सन 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। यह टैंक 1965 में भारतीय सेवा में शामिल हुआ और वर्ष 2011 तक अपनी सेवाएं देता रहा था।

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