geetanjali-udaipurtimes

भगवान झूलेलाल चालीहा महोत्सव प्रारंभ

चालीहा का कार्यक्रम 16 जुलाई से 25 अगस्त तक प्रतिदिन चलेगा

 | 

उदयपुर 17 जुलाई 2025। पूज्य बिलोचिस्तान पंचायत व सनातन धर्म सेवा समिति  द्वारा भगवान झुलेलाल सांई चालीहा महोत्सव शक्तिनगर स्थित सनातन धर्म मंदिर में बुधवार से भगवान झूलेलाल का चालीहा महोत्सव मनाया जा रहा है।

समाज के अध्यक्ष नानकराम कस्तूरी  ने बताया कि चालीहा का कार्यक्रम 16 जुलाई से 25 अगस्त तक प्रतिदिन चलेगा व साथ ही सनातन मन्दिर मे इस कार्यक्रम में चालीस दिनों तक भक्तो द्वारा अलग अलग प्रसाद का भोग लगाया जाएगा। सनातन धर्म सेवा समिति के हेमंत गखरेजा ने बताया कि मंदिर में रोज शाम को कथा, भजन, कीर्तन होता है जिसमें साईं भक्तों के जन्मदिवस ,शादी सालगिरह व अन्य खुशी के उपलक्ष में भी भक्तों द्वारा हाथ प्रसाद रखा जाता है। 

कार्यक्रम  को सफल बनाने के लिए समाज के बसन्त कस्तूरी, सुनिल डोडेजा, नरेन्द्र कथूरिया, जेतूराम खुराना,विजय आहुजा, हेमन्त गखरेजा, जय पूनित सपरा, होलाराम छोडा ,कमल तलरेजा, विक्की थदवानी, बलदेव तलदार, डब्बू आदि द्वारा रोजाना सेवाएं दी जायेगी। 

समाज  के गुरमुख कस्तूरी ने बताया कि सिंधी समाज हर साल जुलाई-अगस्त महीने में चालिहा उत्सव मनाता है। 40 दिनों तक कठिन व्रत रखते हुए अखंड ज्योति की पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। भगवान झूलेलाल के मंदिरों में पहुंचकर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। देर रात तक भजन कीर्तनों का दौर जारी रहता है। आखिरी दिन भगवान झूलेलाल की झांकियां भी निकाली जाती हैं, झूलेलाल सिन्धी हिन्दुओं के उपास्य देव हैं जिन्हें 'इष्ट देव' कहा जाता है। उनके उपासक उन्हें वरुण (जल देवता) का अवतार मानते हैं। वरुण देव को सागर के देवता, सत्य के रक्षक और दिव्य दृष्टि वाले देवता के रूप में सिंधी समाज भी पूजता है।

सिन्धी समाज का विश्वास है कि जल से सभी सुखों की प्राप्ति होती है और जल ही जीवन है। जल-ज्योति, वरुणावतार, झूलेलाल सिंधियों के ईष्ट देव हैं जिनके बागे दामन फैलाकर सिंधी यही मंगल कामना करते हैं कि सारे विश्व में सुख-शांति, अमन-चैन, कायम रहे और चारों दिशाओं में हरियाली और खुशहाली बने रहे।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal