‘छोड़ो कल की बातें’ ने दिया सामाजिक संदेश


‘छोड़ो कल की बातें’ ने दिया सामाजिक संदेश

शिल्पग्राम उदयपुर स्थित दर्पण सभागार में रंगमण्डप दिल्ली द्वारा ‘छोड़ो कल की बातें’ नाटक का मंचन किया गया
 
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उदयपुर 11 नवंबर 2024। पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ में रविवार को नाटक ‘छोड़ो कल की बातें’ का सशक्त मंचन किया गया।

पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फ़ुरकान खान ने बताया की प्रति माह आयोजित होने वाली मासिक नाट्य संध्या रंगशाला में रविवार को शिल्पग्राम उदयपुर स्थित दर्पण सभागार में रंगमण्डप दिल्ली द्वारा ‘छोड़ो कल की बातें’ नाटक का मंचन किया गया। 

इस नाटक के लेखक जयवर्धन तथा निर्देशक जे.पी. सिंह थे। संगीत संकलन एवं नृत्य निर्देशन भारती डांग, संगीत संयोजन अंश जयवर्धन, संगीत संचालन एवं मुखसज्जा रवि पारचा, प्रकाश परिकल्पना वशिष्ठ उपाध्याय, प्रस्तुति सहायक अरूण सोदे ने किया। कलाप्रेमियों ने इस नाटक तथा उसके पात्रों द्वारा किए गए अभिनय को सराहा। अंत में सभी कलाकारों का सम्मान किया गया। 

इस कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी ने किया। इस अवसर पर केन्द्र के उपनिदेशक (कार्यक्रम) पवन अमरावत, अधीक्षण अभियंता सी.एल. सालवी, कार्यक्रम कार्यकारी हेमंत मेहता आदि उपस्थित थे।

नाटक की कहानी

तीन वृद्ध अपने अतीत को भूलकर वर्तमान में जीना चाहते हैं। एक और जीने की चाह है तो दूसरी ओर मौत से भी डर लग रहा है। तीनों ने जिन्दगी को करीब से देखा है, जिया है। इनमें से कोई परिस्थितियों का मारा है, तो कोई अपनों का मारा है। मरकर भी सब जिंदा है। ये कभी बच्चे बन जाते हैं और बचपना करते हैं, जो हमें गुदगुदाता है। अंत में नाटक एक प्रश्नचिन्ह भी छोड़ता है कि क्या बुढ़ापा अभिशाप है? क्या हमारी संवेदना मरती जा रही है? आज क्या रिश्तों की डोर कमजोर पड़ती जा रही है?

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