उदयपुर, 26 फरवरी 2025। उदयपुर चेम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा यूसीसीआई भवन के पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में ‘‘”नए प्रत्यक्ष कर कोड, केन्द्रीय एवं राज्य बजट 2025-26 का आलोचनात्मक विश्लेषण’’ विषय पर एक परिचर्चात्मक सेमिनार का आयोजन किया गया। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट व चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट संजय झंवर तथा जयपुर के वरिष्ठ कर सलाहकार निखिल तोतुका सेमिनार में विषय विशेषज्ञ थे।
अध्यक्ष एम.एल. लूणावत ने विषय विशेषज्ञ संजय झंवर, निखिल तोतुका एवं सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत किया। लूणावत ने बताया कि यूसीसीआई की ओर से सरकार को उदयपुर में खनिजों पर रिसर्च के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ़ माईन्स की स्थापना किये जाने का सुझाव दिया था जिसे सरकार द्वारा अमल में लाया जा रहा है। इसके साथ ही यूसीसीआई के उद्योग क्षेत्र से सम्बन्धित अधिकांश सुझावों को प्रस्तुत बजट में सम्मिलित करते हुए मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की इकाईयों को राहत प्रदान की है।
यूसीसीआई की फायनेन्स एण्ड टैक्सेशन सब कमेटी के चेयरमैन सीए आशीष ओस्तवाल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए दोनों विषय विशेषज्ञों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया।
सेमिनार में संजय झंवर ने व्यावसायिक रणनीति के लिए वित्तीय नीति पर चर्चा करते हुए सेमिनार के विषय पर नाॅलेज सत्र प्रस्तुत किया। ’बिजनेस में वैल्थ कैसे बढाई जाए’ विषय पर झंवर ने स्लाईड शो के माध्यम से जानकारी दी। संजय झंवर ने कहा कि बजट की तुलना में इकोनाॅमिक सर्वे पर अधिक ध्यान देना चाहिये। वर्तमान समय उद्योग और व्यवसाय के लिए स्वर्णिम काल है तथा भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुका है तथा जापान और जर्मनी को पीछे छोडकर तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। सन 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देश की जीडीपी के बजाय प्रति व्यक्ति आय पर निर्भर रहेगा। स्वस्थ भारत का अर्थ देश में अस्पतालों की भारी संख्या नहीं अपितु आमजन की स्वस्थ जीवन शैेली एवं जीवन प्रत्याशा में बढोतरी है। देश की अर्थव्यवस्था को गति नई पीढी की क्रय शक्ति से मिलेगी।
निखिल तोतुका ने वित्त विधेयक 2025 में मुख्य संशोधन विषय पर जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा टैक्स सम्बन्धी नियमों को ज्यादा से ज्यादा सरल बनाने की है।प्रश्नकाल के दौरान सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियों की बजट सम्बन्धी जिज्ञासाओं का विषय विशेषज्ञ संजय झंवर एवं निखिल तोतुका द्वारा समाधान प्रस्तुत किया गया।
सेमिनार में अकाउन्ट्स एवं फायनेन्स से सम्बंधित वरिष्ठ प्रबन्धकों, मुख्य अधिशासी अधिकारियों, आयात-निर्यात फर्मों, उद्यमियों, व्यवसायियों, कर सलाहकारों, चार्टेड अकाउन्टेन्ट फर्मों एवं व्यापारिक फर्मों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में मानद महासचिव डाॅ. पवन तलेसरा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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