उदयपुर नगर निगम में दीपावली मेले के लिए चल रही स्थानीय प्रतिभाओं की ऑडिशन के दौरान निर्णायकों ने मंच से श्री कृष्ण पर कविता सुना रहे प्रतिभागी को रोक दिया। बाद में उसने ग़ज़ल और उर्दू भाषा मे कविता सुनाई तो जज प्रसन्न हुए।
जैसे ही निर्णयको ने प्रतिभागी को रोका तो उसने यह भी कहा कि वो रौद्र रस की कविताएं ही लिखता और सुनाता है। फिर भी निर्णायकों ने साफ कह दिया कि कृष्ण की कविता नहीं चलेगी, दूसरा कुछ सुनाओ। उसके बाद केंडिडेट ने ग़ज़ल सुनाई और उसमें आने वाले उर्दू शब्दो को समझाता भी रहा।
गुरुवार को ऑडिशन के दौरान कॄष्ण की कविता को रोक कर ग़ज़ल या उर्दू में कुछ सुनाने की बात के बाद चर्चाएं आम हो गई है कि आचार संहिता के दौरान कही निगम में धर्म की राजनीति तो शुरू नही हो गई। आपको बता दें कि नगर निगम में दीपावली मेले में आमतौर पर नृत्य और गायन की प्रस्तुतियां ही स्वीकार की जाती रही है लेकिन पिछले दो सालों से साहित्य से जुड़े बच्चों को भी मौका देकर कविताओं की प्रस्तुतियां आमंत्रित की जा रही है।
ऐसे में गुरुवार को ऑडिशन के दौरान जज द्वारा प्रतिभागी को श्री कृष्ण की कविता के लिए रोकना और ग़ज़ल या उर्दू कविता से खुश होना कई सवाल खड़े करता है। बताया जा रहा है कि निर्णायक एक ऐसे स्कूल से जुड़े है जो कट्टर हिन्दू विचारधारा के लिए पहचाना जाता है।
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