उदयपुर 2 अप्रैल 2025। डॉ सुरेश सालवी, अध्यक्ष, राजस्थानी विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर को राजस्थानी विभाग, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर एवं महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध केंद्र, मेहरानगढ़ की ओर से राजस्थानी भाषा की उत्कृष्ट सेवा के लिए वर्ष 2025 का मायड़ भाषा सेवा सम्मान प्रदान किया गया।
राजस्थान दिवस एवं राजस्थानी विभाग, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर की स्थापना दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में यह सम्मान अर्पित किया गया। समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक एवं मुख्य अतिथी साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल, के संयोजक प्रो. अर्जुन देव चारण एवं राजस्थानी विभागाध्यक्ष डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित ने यह सम्मान प्रदान किया। राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्र के 10 साहित्यकारों को यह सम्मान प्रदान किया गया ।
कार्यक्रम में डॉ. सुरेश सालवी ने राजस्थानी लोक साहित्य री उपादेयता पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। राजस्थानी लोक पर अपनी बात रखते हुए डॉ. सालवी ने कहा कि मायड़ भाषा सच्चे अर्थो में राजस्थानी लोक में ही निवास करती है । राजस्थानी लोक साहित्य की विभिन्न विधाओं लोकगीत, लोक कथा, लोक गाथा, लोकनाट्य एवं लोकोक्ति साहित्य की आज के समय की प्रासंगिकता की बात करते हुए। लोक का सशक्त पक्ष उजागर किया। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार के साथ विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
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