ब्रश व कूची जब रंगों में डूब कर कैनवास पर चलती है, तो निश्चित ही कोई आकार सामने आता है। कई बार ये आकृतियां देखने वाले को प्रभावित करती हैं, तो कई बार इन चित्रों में कलाकार की कल्पना दर्शकों की समझ से परे होती है। हालांकि रंगों से खेलते ये चित्रकार चित्रों के माध्यम से खुद के विचार व व्यक्ति्व को लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं। इसी बात का उदाहरण आर्टिस्ट कमल मीणा की पेंटिग्स में दिखा।
बागोर की हवेली स्थित कला विथी में रविवार से 7 दिवसीय प्रथम पेंटिंग व प्रिंट्स की एग्जीबिशन शुरू हुई। इसमें आर्टिस्ट कमल की 39 पेंटिग्स लगी हैं। इनमें 3 चारकोल, 8 वुडकट प्रिंट्स और 27 मिक्स मीडिया पेंटिंग्स हैं। ये एक फीट से लेकर 6 फीट तक की 50 हजार रुपए की कीमत तक की हैं, लेकिन सब में एक चीज कॉमन है और वो है 'साइकिल'। वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम करने के लिए ये साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं।
इसके लिए एक साइकिल सीरीज तैयार कर रहे हैं। इसके अंतर्गत सभी पेंटिंग में - साइकिल को बेस रखेंगे। साइकिल के साथ व अन्य एलिमेंट के जरिये एक कहानी बयां करते हैं। कला विथी में पेंटिंग्स में कहीं रिक्शा चालक की स्टोरी है तो कहीं साइकिल में गांधीजी का चरखा दिखाया है। 27 वर्षीय कमल मीणा अभी सुखाड़िया विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रहे हैं।
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