उदयपुर 16 जून 2025। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की ओर से पन्द्रह दिवसीय ग्रीष्म कालीन घूमर कार्यशाला एवं नाट्य कार्यशालाओं में तैयार प्रस्तुतियों का रविवार को शिल्पग्राम स्थित दर्पण सभागार में प्रदर्शन किया गया। सभी ने उनकी प्रस्तुतियों की सराहना की। सर्वप्रथम विशेषज्ञ श्रीमती विजयलक्ष्मी आमेटा के निर्देशन में तैयार घूमर नृत्य की प्रस्तुति हुई। उसके बाद पारंपरिक डांडिया घूमर, चिरमी एवं चरी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि ग्रीष्म कालीन घूमर कार्यशाला में विशेषज्ञ श्रीमती विजयलक्ष्मी आमेटा के निर्देशन में तैयार घूमर, पारंपरिक डांडिया घूमर, चिरमी एवं चरी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इन प्रस्तुतियों के बेहतरीन एवं उम्दा प्रदर्शन ने दर्शकों की वाहवाही बटोरी। इतने कम समय में प्रतिभागियों ने नृत्य का बेहतरीन प्रदर्शन किया।
नाट्य कार्यशाला बागोर की हवेली में तैयार जूनियर वर्ग द्वारा कैथरीन्स मैन्सफिल्ड की कहानी डॉल हाउस पर प्रेरित तथा आशुतोष पाण्डे द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक ‘डेजावू’ नाटक का मंचन दर्पण सभागार में रविवार को किया गया।
सीनियर वर्ग द्वारा ‘बेचारी आत्मा’ का मंचन किया गया। यह नाटक दर्शकों के लिए एक हास्य-व्यंग्यात्मक अनुभव रहा, जिसमें सामाजिक मुद्दों को चुटीले अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया। इस वर्कशॉप का निर्देशन शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी शिवराज सोनवाल ने किया, जिनके सहयोगी रंगकर्मी जतिन भरवानी रहे। नाटक की परिकल्पना में सामाजिक सरोकारों को व्यंग्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया जैसे भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, भ्रष्टाचार, और राजनीतिक ढकोसलों पर तीखा तंज। प्रस्तुति की प्रकाश परिकल्पना पायल मेनारिया द्वारा की गई । यह नाटक एक उदाहरण है कि किस प्रकार युवा प्रतिभाएं रंगमंच के ज़रिए सामाजिक चेतना को स्वर दे रही हैं।
कार्यक्रम में केन्द्र के उपनिदेशक (कार्यक्रम) पवन अमरावत, सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस कार्यक्रम का संचालन सिद्धांत भटनागर ने किया।
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