उदयपुर. माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से शहर के प्रमुख पर्यटन स्थालों पर मेवाड़ का प्रमुख पारम्परिक जनजातीय नृत्य नाटिका गवरी का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए गवरी दल मुखिया 12 सितम्बर तक आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे।
संस्थान निदेशक डॉ. तरू सुराणा ने बताया कि संस्थान की ओर से पारम्परिक जनजाति कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं कलाकारों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष शहर के प्रमुख स्थलों पर गवरी नृत्य का मंचन कराया जाता रहा है।
इस वर्ष सहेलियों की बाड़ी, गणगौर घाट एवं भारतीय लोक कला मण्डल में गवरी नृत्यों की प्रस्तुतियां करवायी जाएंगी। गवरी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी महावीर कुमार बाहेती ने बताया कि गवरी कलाकार दल मुखिया का चयन किया जाएगा, जो कि गांव से कलाकारों को उदयपुर लाकर निर्धारित स्थान पर गवरी नृत्य नाटिकाओं की प्रस्तुतियां कराएंगे। संस्थान द्वारा प्रति गवरी सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
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