उदयपुर 7 सितंबर 2024। शहर के ब्रह्मपोल बाहर स्थित दरगाह हजरत इमरत रसूल शाह बाबा के चल रहे तीन दिवसीय 134वें उर्स का समापन शनिवार सायं बाद नमाजे अस्र रंग-सलातो-सलाम, कुल की फातिहा व दुआ के साथ हुआ।
दरगाह कमेटी के मीडिया प्रभारी मोहसिन हैदर ने बताया कि हजरत इमरत रसूल शाह बाबा के तीन दिवसीय उर्स के चलते कुरआन ख्वानी, महफिले मीलाद सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। सदर हाजी सरवर खान, पूर्व सदर मुहम्मद यूसुफ, सेक्रेट्री शादाब खान, नायब सदर मुबारिक हुसैन, एडवोकेट क़मर हुसैन, इमरान खान, मुबीन खान, हाजी इक़बाल हुसैन, एडवोकेट तौकीर रज़ा, शब्बीर हुसैन, अमजद खान, फिरोज खान, शराफत हुसैन, अब्दुल अजीज सिंधी सहित कमेटी के सदस्यों व मौजूद जायरिनों ने चादर, फूल व इत्र पेश किए। उर्स में शिरकत करने वाले जायरिनों के लिए लंगर व तबर्रूक का वितरण किया गया। साथ ही मस्तान बाबा ट्रस्ट की ओर से चादर शरीफ पेश की गई।
दरगाह सदर हाजी सरवर खान व सेक्रेट्री शादाब खान ने बताया कि उर्स के तीसरे दिन कार्यक्रमों का आगाज शनिवार प्रातः कुरआन ख्वानी के साथ हुआ जिसमें कलामे पाक की तिलावत की गई। दोपहर बाद नमाज जौहर महफिल समां कव्वाली का आयोजन किया गया जिसमें कव्वाल पार्टियों ने नातिया कलाम व सूफियाना कलाम पेश किए।
दोपहर में हुआ महफिले समां कव्वाली का आयोजन
महफिले समां का आगाज स्थानीय कव्वाल असलम साबरी उदयपुरी ने माहे रबिउल अव्वल ईद मीलादुन्नबी के चलते नाते पाक नबियों में सबसे आला आपका मुकाम है, आमना का लाल बेमिसाल-बेमिसाल है... पढ़ा। उसके बाद गरीब नवाज की शान में मनकबत तेरा नाम ख्वाजा मोइनुद्दीन तू रसूले पाक की आल है... व ख्वाजा ए ख्वाजगां मोइनुद्दीन... पढ़ा। उसके बाद हजरत इमरत रसूल बाबा की शाने में मेरे इमरत रसूल बाबा दिखाकर झलक अब ना करो पर्दा मेरी जान सूरत दिखानी पड़ेगी... पढ़कर सामाईन की खूब दाद लूटी।
उर्स के मेहमाने खुसूसी यूपी रामपुर के कव्वाल मेहबूब साबरी रामपुरी ने पैगम्बरे इस्लाम की शान में नाते पाक दिल जिससे जिन्दा है वो तमन्ना तुम ही तो हो, हम जिसमें बस रहे है वो दुनिया तुम ही तो हो..., नजर में जलवे समा रहे है, वो रूख से पर्दा उठा रहे हैं, अदब से बैठो यहां दीवानों, सरकार तशरीफ ला रहे हैं... पढ़ कर सामाईन की खूब दाद लूटी।
रंग, सलातो-सलाम व कुल की फातिहा के साथ हुआ उर्स का समापन
उर्स के आखिर में कव्वाल पार्टियों ने मिलकर हजरत अमीर खुसरों का लिखा हुआ रंग - आज रंग है ऐ मां रंग है री, मेरे इमरत रसूल के घर रंग है... पढ़ा। कुल की रस्म के तहत कलामे पाक की तिलावत व फातिहा ख्वानी मस्जिद दरगाह इमरत रसूल बाबा के इमाम हाफिज मेहमूदुज्जमा ने पेश की। जायरिनों की सलामती के साथ-साथ मुल्क में अमन, शांति व भाईचारे के लिए दुआएं की। उसके बाद मौजूद लोगों ने कुल के छींटे लिए और सभी ने एक-दूसरे के गले मिलकर उर्स की मुबारक बाद दी। इसी के साथ हजरत इमरत रसूल बाबा के तीन दिवसीय 134वें उर्स का समापन हुआ।
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