पुस्तको के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में फेकल्टी एवं स्टाॅफ मेम्बर्स द्वारा धूम-धाम से पुस्तकालय दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने पदम् श्री से सम्मानित प्रो. एस. आर. रंगनाथन के योगदान को याद करते हुए कहा कि मनुष्य के सच्चे साथी पुस्तके ही हैं। पदम श्री रंगनाथन के अथक प्रयास का ही नतीजा हैं कि लाइब्रेरी सांइस भारत सहित पुरे विश्व में अपनी महत्ता हासिल कर रहा हैं। काॅलम क्लासीफिकेशन सर रंगनाथन की ही देन हैं। मनुष्य के शरीर में जो स्थान हृदय का है वहीं स्थान शिक्षण संस्थान में लाइब्रेरी का हैं।
संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने कहा कि पुस्तके सही समय पर सही विजडम प्रदान करती हैं जिसका उपयोग करके मनुष्य अपना जीवन संवार सकता हैं। पुस्तकालय ज्ञान के मन्दिर होते हैं जहां रखी पुस्तकों के छिपे ज्ञान का लाभ उठाकर शिक्षक और विद्यार्थी दोनों ही अपना भविष्य उज्जवल कर सकते हैं। पुस्तकालय की खूबसुरती यह है कि वह अपने अन्दर बहुत सारे अच्छे लेखकों के दिमागों को संजोकर रखती हैं। यही से किसी भी रिसर्च की पहली सीढी शुरू होती हैं।
एम.बी.ए. निदेशक डाॅ. पी.के. जैन ने कहा कि पुस्तकालय के अधिकतम उपयोग से ही युवाओं का भविष्य सुनहरा होगा क्योंकि पुस्तकालय सूचना एवं ज्ञान का संग्रह होते हैं। पुस्तको के ज्ञान की अपनी महिमा होती हैं। यदि आप पुस्तके पढते है तो उसका नूर आपमें समाहित होकर आपके जीवन में निखार लाता हैं।
कार्यक्रम के संयोजक एवं लाइब्रेरी विभागाध्यक्ष डाॅ. अनुराग पालीवाल के अनुसार गिट्स की लाइब्रेरी 53082 एवं विभिन्न राष्ट्रीय, अन्तराष्ट्रीय पत्रिकाओं के साथ शिक्षण संस्थान की शोभा बढा रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान होने वाले विभिन्न प्रतियोगिता में भामाशाह अवार्ड डाॅ एन.एस. राठौड को तथा बेस्ट लाइब्रेरी यूजर अवार्ड छात्रा जाग्रती श्रीमाली तथा छात्र अनिकेत कुमार को मिला। छात्रा शोभना पालीवाल एवं भूमिका नागर द्वारा पुस्तकालय आधारित कविताओं का वाचन किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रो. शैलजा राणावत द्वारा किया गया इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड सहित पूरा गीतांजली परिवार उपस्थित था।
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