उदयपुर 3 अगस्त 2024। रविवार 4 अगस्त को शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर एवं सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत महानाट्य ‘कुशल वीरांगना रानी दुर्गावती’ का मंचन किया जाएगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि माह के प्रथम रविवार को आयोजित होने वाले मासिक नाट्य संध्या रंगशाला के तहत नई दिल्ली से सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा ‘कुशल वीरांगना रानी दुर्गावती’ नाटक महानायिका की 500वीं जयंती के अवसर पर एक श्रद्धांजलि होगी। इस नाटक की संकल्पना एवं निर्देशन डॉ. विनोद नारायण इंदूरकर, अध्यक्ष सीसीआरटी, निमार्ण प्रमुख राजीव कुमार, निदेशक सीसीआरटी, लेखक जलेशा सिद्धार्थ सीसीआरटी अध्येता है। दर्पण सभागार शिल्पग्राम में रविवार सायं 7 बजे होने वाले इस नाटक में आमजन का प्रवेश निःशुल्क रहेगा।
नाटक की कहानी
यह कहानी महान वीरांगना रानी दुर्गावती की है। रानी दुर्गावती ने बड़े साहस और कुशल नेतृत्व से मुगल साम्राज्य की ताकत का सामना किया। हाथों में दो तलवार लेकर रानी दुर्गावती निकल पड़ी थी रणभूमि में। उन्होंने अपने समय की कई अन्य वीरांगनाओं की तरह दुश्मन के हाथों में पड़ने की बजाय मौत को गले लगाना स्वीकार किया। इसीलिए उनका नाम इतिहास की शानदार शहादतों में शुमार हो गया।
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