शनिवार को अशोकनगर स्थित विज्ञान समिति में उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों का दिल उस वक्त जवां होकर धड़कने लगा जब उनके दौर के एक से बढ़कर एक युगल गीतों और ग़ज़लों की संगीत में प्रस्तुतियां हुई। अपने सारे दुख दर्द और एकाकीपन को भुलाते हुए अपने जमाने के युगल गीतों को सुनकर सारे बुजुर्ग पल भर के लिए ही केवल जमा ही नहीं हुए बल्कि जवानी के दिनों वाली मस्ती और अल्लाहपन को जीवंत करते हुए झूम उठें। तालियों की गड़गड़ाहट और वाह वाह की ध्वनि से पूरा पंडाल गुंजा दिया।
मौका था अशोकनगर से विज्ञान समिति में वरिष्ठ नागरिक परिषद की बैठक का जहां बैठक के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं स्नेह मिलन हुआ। श्रीमती पन्ना एवं श्रीमती रेनू बाठिया ने एक से बढ़कर एक पुराने नगमें, जिनमें तोरा मन दर्पण कहलाएं..., दिल के अरमां आंसुओं में बह गए...., दिल तो है दिल दिल का ऐतबार कीजिये.... जैसे नगमों की दिल को छूने वाली प्रस्तुतियां हुई।
इसके साथ ही अध्यक्ष आर.के.नेभनानी ने किशोर कुमार का लोकप्रिय गीत चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना.... सुनाकर संगीतमयी प्रस्तुतियों का सुनहरा समापन किया। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों का मोमेंटो देकर सम्मान किया गया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का प्रारंभ भी संगीतमयी प्रार्थना से हुआ। सबसे पहले स्वागत उद्बोधन के दौरान वरिष्ठ नागरिक परिषद के पूर्व में हुई बैठकों का द्वारा प्रस्तुत किया गया।
अध्यक्ष नेभनानी ने बताया कि बैठक में मई में जो नए सदस्य बने उनका माला और ऊपरना पहना कर स्वागत अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर 80 वर्षीय अनिल जोगलेकर एवं शगणपत बापना को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में नये सदस्यों का परिचय एवं सम्मान हुआ। अन्य में धन्यवाद प्रस्ताव अध्यक्ष आरके नेभनानी ने दिया। कार्यक्रम के अंत मे संरक्षक बी एस कोठारी द्वारा सभी अतिथियों और सदस्यों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया गया।
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