उदयपुर 5 अगस्त 2024। आइये आपको एक ऐसे अनूठे मेले की सैर कराते हे जो सिर्फ महिलाओ के लिए लगता है। पूरे विश्व में मात्र उदयपुर शहर में सहेलियों की बाड़ी में लगने वाले हरियाली अमावस्या के मेले में पुरुषो को प्रवेश की इजाजत नहीं होती है।
मेवाड़ में सेंकडो वर्षो से सावन महीने में लगने वाला यह मेला उदयपुर के महाराणा फ़तेहसिंह की महारानी की देन है। उन्होंने एक दिन राजा से कहा की उदयपुर में लगने वाले हरियाली अमावस्या के मेले का दूसरा दिन सिर्फ महिलाओ के लिए होना चाहिए। महारानी की इच्छा पूरी करते हुए महाराणा फतहसिंह ने दुसरे दिन सखियों का मेला लगाने की हामी भर दी। बस फिर क्या था इस मेले में यदि कोई पुरुष प्रवेश कर लेता तो उसे महाराणा के कोप का सामना करना पड़ता था।
कालांतर में भी यही परंपरा जारी है और आज प्रशासन द्वारा इस बात की व्यवस्था की जाती है कि मेला परिसर में महिलाओ ओर युवतियों के अलावा कोई और प्रवेश न करे। मेले का आयोजन करने वाली नगर निगम प्रतिवर्ष मेले के आकर्षण को बढाने के लिए प्रयासरत है। मेले में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम महिलाओं को झूमने पर मजबूर कर देते है।
सखियों के इस मेले का उदयपुर में महिलाओ को पुरे साल इंतज़ार रहता है। वे इस मेले का जमकर लुत्फ़ उठाती है मेले में महिलाओ, युवतियों ओर छोटे बच्चो के अलावा किसी पुरुष को आने की इज़ाज़त नहीं होती है। यहाँ आने वाली महिलाए इस बात से काफी खुश नज़र आती है कि साल में एक ऐसा भी दिन आता है जब वे खुलकर मौज मस्ती कर सकती है और उन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं होता है।
मेले में आई हजारो महिलाओ ने इस मेले का जमकर लुत्फ़ उठाया और जमकर खरीददारी करने के साथ झूले और खाने पीने की वस्तुओ का भी मजा लिया। मेले में स्वछंद घुमती महिलाये खासी खुश नज़र आई। यही नहीं पुरूषो के बिना इस मेले में घुमती युवतियों को ऐसा अहसास हुआ जैसे उनके पंख लग गये हो।
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