संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वाधीनता की 75 वीं के उपलक्ष्य में ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के अंतर्गत देश भर में विभिन्न स्पर्धाओं इनमें ‘‘रंगोली स्पर्धा’’, ‘‘लॉरी लेखन’’ व ‘‘ भक्तिगीत लेखन’’ स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। इसके अनुक्रम में क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से सदस्य राज्यों राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा तथा केन्द्र और प्रदेश दमण, दीव, दादरा नगर हवेली सिलवासा में जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय ‘‘रंगोली प्रतियोगिता’’ का आयोजन किया जा रहा है।
इस प्रतियोगिता के लिये ऑन लाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है। तथा इच्छुक प्रतिभागी 15 दिसम्बर तक उक्त हेतु पंजीयन करवा सकते हैं। केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री ने ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम में रचना एवं प्रेम को अभिव्यक्त करने के लिये इन स्पर्धाओं के आयोजन की घोषणा की थी। रंगोली भारत की एक समृद्ध परंपरा है जो घर के द्वार पर रंगों से घर परिवार की सुख समृद्धि की कामना से बनाई जाती है। यह परंपरा प्रत्येक राज्य में पृथक-ंपृथक नामों से जानी जाती है।
तमिलनाडु में कोल्लम, गुजरात में सतिया, बंगाल में अल्पना, राजस्थान में माण्डणा, ऑडी में ओसा, महाराष्ट्र में रंगोली जिससे भारत की विविधता में एकता की सांस्कृतिक विरासत की झलक मिलती हैं। ‘रंगोली प्रतियोगिता’ में प्रतियोगी को निर्धारित स्थल पर रंगोली बनानी होगी। रंगोली का मुख्य स्वाधीनता आंदोलन होगा जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के वीरों के चित्र तथा सम्बद्ध प्रसंगों को रंगोली में सृजित करना होगा।
उक्त प्रतियोगिता तीन चरणो में आयोजित होगी जिसमें सर्व प्रथम जिला स्तर और राज्य स्तर तथा उपरान्त राष्ट्रीय स्तर का आयोजन नई दिल्ली में होगा। उक्त प्रतियोगिताएँ 16 से 45 की आयु के सभी भारतीयों के लिये खुली है।
प्रतियोगिता हेतु निर्धारित नियमानुसार रंगोली बनाने की समस्त सामग्री प्रतियोगी द्वारा स्वयं के स्तर पर लाई जावेगी। रंगोली का निर्माण निर्णायकों द्वारा निर्धारित स्थल पर एक निर्धारित समयावधि में बनानी होगी। रंगोली स्पर्धा में पेन्सिल अथवा चॉक से स्कैच बनाने की इजाजत नहीं होगी। प्रतियोगी को 4 गुणा 4 वर्गफीट का स्थान रंगोली के लिये दिया जायेगा तथा सम्पूर्ण सृजन कार्य -सजयाई घंटे की अवधि में पूर्ण करना होगा।
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