शिल्पग्राम में ऋतू वसंत का आगाज़ ऑडिसी की मोहक प्रस्तुति के साथ

शिल्पग्राम में ऋतू वसंत का आगाज़ ऑडिसी की मोहक प्रस्तुति के साथ 

ऑडिसी शैली में वृंदावन का रास और समस्त ऋतुओं का आधार है कृष्ण
 
शिल्पग्राम में ऋतू वसंत का आगाज़ ऑडिसी की मोहक प्रस्तुति के साथ
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से शिल्पग्राम में आयोजित तीन दिवसीय ‘‘ऋतु वसंत’’ का शुभारम्भ शुक्रवार को हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश की कुंज लता और उनकी सखियों ने ऑडिसी में बसंत ऋतु को एक अनूठे अंदाज में रूपायित किया। अपनी धीर गंम्भीर और सौम्य प्रस्तुति से कभी सूर्य रथ तो कभी श्री कृष्ण की मोहक छवि को मंच पर जीवंत बनाया।

उदयपुर 13 मार्च 2020 । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से शिल्पग्राम में आयोजित तीन दिवसीय ‘‘ऋतु वसंत’’ का शुभारम्भ शुक्रवार को हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश की कुंज लता और उनकी सखियों ने ऑडिसी में बसंत ऋतु को एक अनूठे अंदाज में रूपायित किया। अपनी धीर गंम्भीर और सौम्य प्रस्तुति से कभी सूर्य रथ तो कभी श्री कृष्ण की मोहक छवि को मंच पर जीवंत बनाया।

शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर आयोजित उत्सव का शुभारम्भ सेवा निवृत्त प्रशास्निक अधिकारी हीरालाल कुणावत, संगीतकार और गजल गायक डाॅ. प्रेम भण्डारी एवं प्रभारी निदेशक सुधांशु सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। उत्तर प्रदेश वासी और देश की जानी मानी नृत्यांगना कुंज लता मिश्रा ने अपने नर्तन की शुरूआत ‘‘सूर्य वंदना’’ से की। अपनी इस रचना में आकर्षक नृत्य मुद्राओं और भाव सम्प्रेषणता के माध्यम से कलाकारोें ने बताया कि सूर्य से समस्त सृष्टि प्रकाशमान है तथा विकास के समस्त पथ सूर्य से प्रस्फुटित होते हैं। 

सूर्य स्तुति के सुरीले गायन के साथ अपनी भाव प्रवणता और मोेहक संरचनाओं से सूर्य रथ का दृश्य जहां मनोरम बन पड़ा वहीं सूर्योदय के साथ जिस प्रसन्नता का संचार होता है उसका प्रगटीकरण प्रभावी व मोहक बन सका। इसके बाद कुंज लता और सखियों ने बसंत ऋतु के आगमन पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा की रास व अन्य लीलाओं का प्रदर्शन अद्भुत लावण्य और रस के साथ किया तथा यह दर्शाया कि सम्स्त ऋतुओं का आधार स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हैं। प्रस्तुति में दृश्य विन्यास और संगीत पक्ष प्रबल बन सका।

ऑडीसी शैली में देश विदेश में अपनी प्रस्तुति दे चुकी कुंज लता व सखियों ने इसके पश्चात वृंदावन के रास का मनोरम दृश्य दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमें होली का मंचन उत्कृष्ट ढंग से किया गया। भगवान के साथ होली के रंगों से सराबोर गोपियों का दृश्य अत्यंत सुंदर और चित्त मोहने वाला बन सका। इन प्रस्तुतियों में कुंज लता मिरा के साथ गायन में प्रशांत कुमार बेहेरा, मंजीरे पर गुरू प्रताप नारायण, पखावज पर मानश कुमार शरंगी, वायोलीन पर प्रदीप कुमार, सितार पर रहीम खान, बांसुरी पर निखिल बेहेरा ने संगत की जबकि नर्तन में मंच पर वृंदारानी शर्मा, प्रभा गोस्वामी, अनुराधा, नीलू, दीपांजली मिश्रा, मधुमिता, रोचना, शर्मा, सुस्मिता, दक्ष्यायनी शर्मा  ने अपने नर्तन की छाप छोड़ी।

ऋतु वसंत में कल ‘‘हैल्थ एण्ड म्यूज़िक’’ पर डाॅ. मानिका शाह की प्रस्तुति

शिल्पग्राम में आयोजित तीन दिवसीय ऋतु वसंत के दूसरे दिन शनिवार शाम महाराणा कुम्भा संगीत परिषद, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संगीत विभाग व केन्द्र द्वारा ‘‘संगीत और स्वास्थ्य’’ म्यूजिक एण्ड हैल्थ पर डाॅ. मोनिका शाह अपना जीवंत व संगीतमय व्याख्याान व प्रस्तुतिकरण देंगी।
 

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