उदयपुर, 10 मार्च, 2025। “कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा श्रमिकों को चिकित्सा परिलाभ तथा नकद परिलाभ उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। चिकित्सा परिलाभ के अन्तर्गत ई.एस.आई.सी. हाॅस्पीटल में ईलाज कराना, आवश्यकता होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से ईलाज कराना तथा सुपर स्पेशलिस्टी हाॅस्पीटल में ईलाज के खर्चें का पुनर्भुगतान सम्मिलित है। बीमार पड़ने के कारण कार्य पर नहीं जा पाने, दुर्घटनावश शारीरिक रूप से असक्षम होने की स्थिति में अथवा मृत्यु होने पर ई.एस.आई.सी. द्वारा श्रमिक अथवा उनके परिजनों को आर्थिक परिलाभ उपलब्ध कराये जाते हैं।“ उपरोक्त जानकारी ईएसआईसी के संयुक्त निदेशक दीपक कुमार चौरसिया ने यूसीसीआई में दी।
उदयपुर चैम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा निगम के संयुक्त तत्वावधान में प्रातः 11 बजे यूसीसीआई भवन के पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में ई.एस.आई.सी. परिलाभों पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
भारत सरकार के श्रम विभाग के कर्मचारी राज्य बीमा निगम के उप-क्षेत्रीय कार्यालय, उदयपुर के संयुक्त निदेशक दीपक कुमार चौरसिया इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता थे। कर्मचारी राज्य बीमा निगम के उप-निदेशक दीपक मीणा, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के उप-निदेशक आशीष चौधरी, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सहायक निदेशक कमलेश मीणा एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मिथुन पटेल संगोष्ठी में उपस्थित थे। संगोष्ठी में उदयपुर सम्भाग के प्रमुख उद्योगों के नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।
संगोष्ठी के प्रारम्भ में उदयपुर चैम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव डाॅ. पवन तलेसरा ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अधिकारियों एवं प्रतिभागियों का यूसीसीआई में स्वागत किया। डाॅ. पवन तलेसरा ने बताया कि यू.सी.सी.आई. का यह सतत् प्रयास है कि विभिन्न उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी की गई विभिन्न कल्याण योजनाओं का लाभ श्रमिकों तक पहुंच सके। उन्होने कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा अशंदाताओं को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराए जाने का आहवान किया।
डाॅ. पवन तलेसरा ने कहा कि कर्मचारियों एवं नियोक्तओं की ईएसआईसी सम्बन्धी समस्याओं का मुख्य कारण संचार सम्पर्क का अभाव है। विभाग द्वारा नियमों एवं कार्यप्रणाली का इस प्रकार सरलीकरण किया जाना चाहिये जिससे नियोक्ता को कम से कम परेशानी हो। डाॅ. पवन तलेसरा ने यूसीसीआई के सदस्यों, नियोक्ताओं, कार्मिकों एवं ई.एस.आई.सी. के मध्य विचार विनिमय हेतु परिचर्चात्मक बैठकें नियमित आयोजित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने ईएसआईसी डिस्पेन्सरी शाम के समय भी खोलने की आवश्यकता एवं त्वरित ईलाज पर भी बल दिया।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता दीपक कुमार चौरसिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि विगत कुछ वर्षों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम की कार्यप्रणाली की गुणवत्ता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने बीमा धारकों के लिये कई नई सुविधायें जारी की है। चौरसिया ने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम कर्मचारियों के स्वास्थ्य हित में बनाई गई योजना हैे। आज समय के साथ विभाग की सोच में भी बदलाव आया है तथा विभाग यह मानता है कि नियोक्ता एवं विभाग के आपसी सहयोग से ही कर्मचारियों का हित संभव है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम कार्यालय उदयपुर के उप निदेशक दीपक कुमार मीणा ने संक्षेप में ईएसआईसी संगठन की वर्तमान कार्ययोजनाओं के विषय में जानकारी देते हुए संगठन से जुड़े नियोक्ताओं को उच्चस्तरीय सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु विभाग की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने जानकारी दी कि विभाग के द्वारा एक माह के भीतर क्लेम सेट ऑफ़ कर दिया जाता है।
कार्यक्रम के दौरान अनेक परिवारजनों को क्लेम सैटलमेन्ट लेटर जारी किये गये। संगोष्ठी में विभिन्न संस्थानों के नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों ने अपनी कर्मचारी राज्य बीमा निगम से सम्बधित समस्याओं के निराकरण हेतु चर्चा की। संगोष्ठी में उपस्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सहायक निदेशक कमलेश मीणा एवं ई.एस.आई.सी. के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डाॅ. मिथुन पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त किये । खुली परिचर्चा के दौरान ईएसआईसी के अधिकारियों ने सेमिनार में उपस्थित उद्यमियों एवं विभिन्न उद्योगो के एचआर विभाग के अधिकारियों की शंकाओं एवं जिज्ञासाओं का समाधान किया।
इस संगोष्ठी में ई.एस.आई.सी चिकित्सा अधिकारी, फैक्ट्री निरीक्षक, नियोजक प्रतिनिधि, श्रमिक, ऐसोसियेशनों के प्रतिनिधि एवं विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के कर्मचारियों सहित 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया । कार्यक्रम के अन्त में ईएसआईसी के संयुक्त निदेशक दीपक कुमार चौरसिया ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
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