पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित पांच दिवसीय लेस मेकिंग एंड कटवर्क कार्यशाला का समापन रविवार को हुआ।
प्रसिद्ध कलाकार और लेस मेकिंग एंड कट-वर्क विशेषज्ञ सोफिया जयपुरी के निर्देशन में इस कला को 12 साल से 65 साल की महिलाओं ने मन लगा कर सीखा। इस पांच दिवसीय कार्यशाला में लेस मेकिंग और कटवर्क की नई तकनीक सीख कर प्रत्येक उत्साही महिला ने कट वर्क में दो टेबल मेट्स बनाईं।
लेस मेकिंग में भी नई तकनीक का उपयोग कर एक कुशन कवर बनाया। इस प्रकिया में सादे कपडे पर डिजाइन की ट्रेस करने के बाद उस पर 3डी आउट लाइनर के माध्यम से लेस वर्क का कुशन कवर बनाया। लेस वर्क के इस नवाचार में बनी कलाकृतियों में समय बहुत कम लगता है जिसमें धागे का प्रयोग नहीं करते हुए भी लेस जैसा आभास होता है। प्रतिभागी महिलाओं द्वारा बनाई गयी कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। साथ ही प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला के बारे में अपने विचार रखे।
केंद्र के कार्यक्रम अधिकारी विलास जानवे ने सांस्कृतिक केंद्र की ओर से प्रतिभागी महिलाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए। कार्यशाला प्रभारी हेमंत मेहता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर मासूमा, सुनिल निमावत, चन्द्रशेखर सुखवाल, महेन्द्र सिंह गहलोत, विवेक पारेख, नारायणलाल डांगी, लीलूराम आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सिद्धांत भटनागर ने किया।
शिल्पग्राम में आगामी 1 जून से 10 जून तक भरतनाट्यम गुरु पूजा नाथावत के निर्देशन में एक कार्यशाला आयोजित होगी। इस निःशुल्क कार्यशाला का रजिस्ट्रेशन ईमेल द्वारा करवाया जा सकता है, जिसकी अधिक जानकारी पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की फेसबुक पेज पर जाकर प्राप्त की जा सकती है।
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