उदयपुर, 28 दिसंबर 2021। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित शिल्पग्राम उत्सव मेें मंगलवार को सर्द मौसम भी कलात्मक वस्तुओं के खरीददारों का जोश ठण्डा नहीं कर सका तथा लोगों ने जमकर खरीददारी की। ठण्डी बयार के बीच दर्पण सभागार में कला प्रस्तुतियाँ हुई जिसमें गोवा के कलाकारों ने लोक नृत्यों से कोंकणी संस्कृति से रूबरू करवाया। उत्सव में बुधवार को आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत रंगोली व माण्डणा प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।
उत्सव के आठवें दिन सर्द और बरसाती माहौल के बीच मेले की शुरूआत से ही शिल्प वस्तुओं को अपने घर ले जाने की चाह रखने वाले लोग शिल्पग्राम पहुंचना प्रारम्भ हो गये तथा हाट बाजार में जमकर खरीददारी की। हाट बाजार में सबसे ज्यादा खरीददार कश्मीरी शिल्पकारों के इर्द गिर्द नजर आये तथा लोगों कश्मीरी पश्मिना, गर्म व ऊनी शाॅल, नमदे के कारपेट, जूतियाँ, वूलन कारपेट, हिमाचली टोपी, लैदर के हाफ जैकेट, वूलन कोट आदि के साथ-साथ वूलन सलवार सूट के अलावा वुडन ट्रे, लकड़ी के कलात्मक बाॅक्स, फोटो फ्रेम, मिट्टी के कप, केन की बनी कलात्मक व सजावटी वस्तुएं, गार्डन चेयर्स, वुडन गुल्लक, सिरैमिक की कलात्मक वस्तुएं, पट्ट चित्र, कच्छी शाॅल, बाड़मेरी पट्टू और पट्टू के बनी बंडियाँ, एप्लिक वर्क, कुशन सैट, मिट्टी की मूर्तियां आदि की खरीददारी उल्लेखनीय हैं।
हाट बाजार में ही सर्दी के चलते गर्मागरम पकौड़ी, हरियाणवी जलेबा, पाॅपकाॅर्न, वाय काॅफी, मक्का की राब आदि पर लोगों का जोर रहा।
उत्सव के दौरान मंगलवार को सभी सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दर्पण सभागार में हुई जिसमें गोवा से आयें कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी। दोपहर में दर्शकों को कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति देखने को मिली जिसे दर्शकों ने भरपूर सराहा। कार्यक्रम में गुजरात के छाटा उदयपुर के राठवा आदिवासियों का राठवा नृत्य दर्शकों को खूब रास आया जिसमें कलाकारों द्वारा पिरामिड की रचना कर प्रस्तुति को मोहक बनाया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र का लेज़िम ने वहां की उत्सवी परंपरा को दर्शाया।
उत्सव में ही मंगलवार को दर्शकों को पौष मास में श्रावण माह में मेवाड़ अंचल में रमी जाने वाली गवरी देखने को मिली। कार्यक्रम में भील आदिवासियों ने बनजारा बनजारन के प्रसंग का मंचन किया।
शाम को दर्पण सभागार में ही गोवा के कला एवं संस्कृति निदेशालय की ओर से उत्सव में कला प्रदर्शन करने आये दल ने सर्व प्रथम देखणी नृत्य प्रस्तुत किया जिसके साथ गाये जाने वाले गीत की धुन ने बाॅबी फिल्म के गीत की याद ताजा करवा दी। कार्यक्रम में ही गोवा के धनगर समुदाय का धनगर नृत्य, कळशी फुगड़ी व कुणबी की प्रस्तुति जहां मोहक रही वहीं गोवा का गौफ नृत्य दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया जिसमें कलाकारों ने ऊंचाई पर बंधी कपड़े की रंगीन पट्टिकाओं को लयकारी के साथ नर्तन करते हुए पहले गुंथा तथा बाद में उसे खोल कर उत्सवी माहौल बनाया।
आजादी का अमृत महोत्सव रंगोली और माण्डणा प्रतियोगिता कल
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के अंतर्गत शिल्पग्राम में बुधवार को ‘‘रंगोली व माण्डणा प्रतियोगिता’’ किया जायेगा। प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक शिल्पग्राम में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। उक्त प्रतियोगिताएँ शिल्पग्राम के दर्पण सभागार पर आयोजित होंगी।
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