शिल्पग्राम उत्सव 2024- अपनी ही भेड़ों की ऊन से हाथ से बनाते हैं जैकेट से लेकर टोपी तक


शिल्पग्राम उत्सव 2024- अपनी ही भेड़ों की ऊन से हाथ से बनाते हैं जैकेट से लेकर टोपी तक

शिल्पग्राम के अनुभव को बेहतरीन बताते हैं ऊनी वस्त्र निर्माता

 
Shilpgram Utsav 2024

उदयपुर 2024। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा हवाला-शिल्पग्राम में आयोजित वार्षिक शिल्पग्राम उत्सव में हालांकि पूर्व पीएम मनमाेहन सिंह के निधन पर सात दिवसीय राजकीय शोक की वजह से सांस्कृतिक कार्यक्रमों को एक जनवरी 2025 तक नहीं होंगे। अलबत्ता, हस्त शिल्पियों और हथ करघा कारीगरों के उत्पादों के प्रति मेलार्थियों का रुझान देखते ही बनता है।

Shilpgram Utsav 2024

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताते हैं कि शिल्प बाजार में हर स्टाल के उत्पाद हर मेलार्थी को न सिर्फ पसंद आ रहे हैं, बल्कि वे खरीदारी भी जमकर कर रहे हैं। यही माहौल शुक्रवार को भी दिनभर रहा, जो शाम तक भीड़ उमड़ने के साथ ही पूरे परवान पर चढ़ गया। लोगों को देश के विभिन्न राज्यों के उत्पाद और व्यंजन बहुत पसंद आ रहे हैं।

सर्दी बढ़ने के साथ ही बढ़ने लगी ऊनी वस्त्रों की सेल

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से आए हथ करघा कारीगर बिट्‌टूराम हिमाचल की प्रतीक बन चुकी टोपी से लेकर जैकेट तक इतने जतन और कौशल से बनाते हैं कि देखते ही नजर ठहर जाए। खूबसूरत इतने हैं ये ऊनी वस्त्र कि स्टाल नंबर 8 के सामने कदम रुक ही जाते हैं।

Shilpgram Utsav 2024

आप शिल्पग्राम बाजार में आते हैं तो ऊनी वस्त्रों के स्टाल में आपको बरबस ही बिट्‌टूराम और उनकी पत्नी भावना देवी इस स्टाल पर ग्राहकों को वस्त्रों के बारे में बताते दिख जाएंगे। बिट्‌टूराम बताते हैं कि उनके पास खुद की भेड़ें हैं, जिनकी ऊन वे समय-समय पर उतार कर ऊनी टोपी, वस्त्र आदि बनाते हैं। ऊन लेकर उसको साफ कर घर पर ही हथ करघे पर उसका वस्त्र बना जैसा ऊनी आइटम बनाना हो, वैसी कटिंग कर उसे हाथ से ही सिल कर बनाते हैं। उत्पाद चाहे बड़ा हो या छोटा सारा मटैरियल हाथ से तैयार किया जाता है। स्टिचिंग के लिए 10 कारीगर काम पर लगाए जाते हैं।

Shilpgram Utsav 2024

ऊन सफेद, भूरे और काले रंग की

बिट्‌टूराम बताते हैं भेड़ाें से उतरने वाली ऊन का ऑरिजनल कलर सफेद, भूरा और काला होता है। अन्य रंग देने के लिए इसे डाइ किया जाता है। डाइ भी घर पर ही कलर को पानी में उबाल कर तैयार की जाती है। उसके बाद डिजाइनिंग और स्टिचिंग का काम होता है। इसमें मार्केट की डिमांड का ख्याल रखा जाता है। कांगड़ा में भी उनकी दुकान है, लेकिन वहां कॉम्पटिशन बहुत रहता है। उन्होंने बताया कि शिल्पग्राम में उनके उत्पादों की अच्छी डिमांड है और मेलार्थी खूब खरीदारी कर रहे हैं।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal