उत्तराखंड की वादियों में सुनील टांक ने सिखाए अभिनय की गुर


उत्तराखंड की वादियों में सुनील टांक ने सिखाए अभिनय की गुर

उदयपुर के नाट्य निर्देशक है सुनील टांक
 
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उदयपुर के नाट्य निर्देशक सुनील टांक को उत्तराखंड में अभिनय कार्यशाला के तहत आमंत्रित किया गया जहां सुनील टांक ने एक नया प्रयोग करते हुए नेचर वॉक थिएटर के माध्यम से अभिनय कार्यशाला में उत्तराखंड के पहाड़ों, जंगलों और नदियों में भ्रमण कराते हुए अभिनय की बारीकियां सिखाई।  

इस कार्यशाला में कुल 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमे युवक, युवतियां सहित कुछ बुजुर्ग भी शामिल हुए। यह कार्यशाला 15 दिवसीय थी और यह उत्तराखंड के कुछ प्रमुख जगहों पर प्रत्येक दिन अलग अलग जगह पर आयोजीत हुई जिसमे कौसानी, गवाल्डम, बिनसांर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, कसार देवी, अल्मोड़ा, केंचीधाम, हल्द्वानी, भीमताल, काठगोदाम आदि जगह पर होती थी।  

यह कार्यशाला सुबह 6 बजे शुरू होती जो शाम को 6 बजे तक चलती जिसमे शाम को 8 बजे बाद कैंप फायर आयोजित किया जाता और पूरे दिन में में जो सिखाया जाता उसका प्रस्तुतिकरण होता। 

सुनील टांक ने अभिनय के सिद्धांत के और साथ ही नाट्यशास्त्र विषय से अवगत कराते हुए क्लासिक रंगमंच व आधुनिक रंगमंच की जानकारी दी। इसके तहत वॉइस एंड स्पीच , मूवमेंट, बॉडी रिद्धम, एक्सप्रेशन, इंप्रोवाइजशन, केरेक्ट्राईजशन आदि बारीकियों से अभिनय का प्रशिक्षण दिया।  

उदयपुर टीम संस्था के सचिव व नाट्य निर्देशक सुनील टांक ने अपने अनुभव पर चर्चा करते हुए बताया कि प्रकृति के बीच में जाकर ही उन्होंने फैसला ले लिया की इस एक्टिंग वर्कशॉप को नेचर के साथ किया जाना चाहिए। साथ ही कार्यशाला के दौरान मोबाइल फोन वर्जित रखे गए। इस अनूठे प्रयोग की उत्तराखंड के प्रतिभागियों ने एक्टिंग वर्कशॉप की खूब प्रशंसा की। इस कार्यशाला में स्थानीय कोर्डिनेटर मनोज बिष्ट एवम् अंशु वाधवा ने सराहनीय योगदान दिया।  

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