GITS में दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आगाज़


GITS में दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आगाज़ 

अच्छा चरित्र एवं अच्छी आदते राष्ट्र निर्माण में महती भूमिका निभाती हैं - जे पी अग्रवाल
 
GITS

उदयपुर 19 दिसंबर 2024। गीतांजलि इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज में मैनेजमेंट विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस में भारतीय समाज में बदलते प्रतिमान और उनके प्रबंधकीय प्रभाव विषय पर गहन चर्चा हुई। इस अवसर पर विभिन्न शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।

गीतांजलि ग्रुप के चेयरमैन श्री जे.पी. अग्रवाल ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि "अच्छा चरित्र लोगों को एक अच्छा राष्ट्र विकसित करने में मदद करता है। पिछले 10 वर्षों में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे अधिक बदलाव देखे गए हैं।" हालांकि, उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि "अब तकनीक हमारे दिमाग को नियंत्रित कर रही है, जो उचित नहीं है। हमारा दिमाग तकनीक को नियंत्रित करे, न कि उसके अधीन हो जाए।"

श्री अग्रवाल ने यह भी कहा कि अच्छी आदतों में बदलाव हमेशा हमें उन्नति की ओर ले जाता है। वास्तविक जीवन और आभासी (रील) जीवन के बीच हमेशा अंतर रहेगा। रील लाइफ अक्सर अवसाद, चिंता और अकेलेपन को जन्म देती है, जबकि वास्तविक जीवन में मेहनत और अच्छे चरित्र से सफलता प्राप्त होती है। युवाओं को संदेश दिया कि वे अपने कौशल को ‘अपग्रेड’ करें और खुद पर मेहनत करें।

एम बी ए निदेशक डॉ पी के जैन ने बतया कि आज सामाजिक और आर्थिक बदलाव बहुत तेजी से हो रहे हैं जिसमे नए स्टार्टअप्स बढ़ते अरबपति, विवाह संस्था का बदलता स्वरूप, सोशल मीडिया का प्रभाव, औरधार्मिक नेतृत्व जैसे मुद्दे अहम् होते जा रहे हैं इन्ही मुद्दों से विद्यार्थिओं एवं फैकल्टी मेंबर्स को अवगत कराने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में पधारे निरमा यूनिवर्सिटी अहमदाबाद के डायरेक्टर जनरल डॉ अनूप कुमार सिंहने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया और कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना समाज का पूर्ण विकास संभव नहीं है। उन्होंने भविष्य का दृष्टिकोण साझा करते हुए वर्ष 2050 का जिक्र किया, जब शारीरिक श्रम पूरी तरह से बौद्धिक श्रम से बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें सकारात्मक बदलाव को स्वीकार करना चाहिए और खुद को समय के
अनुरूप ढालना चाहिए। 

विशिष्ट अतिथि एपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर के प्रो-वाइस चांसलर डॉ राकेश प्रेमी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बदलाव की गति बहुत तेज हो रही है। उन्होंने कहा "वर्तमान समय में बदलाव की रफ्तार भले ही तेज हो, लेकिन यह हमारे लिए अनेक नए अवसर भी ला रही है। इसलिए हमें बदलाव को अपनाना चाहिए और उसके साथ तालमेल बैठाना चाहिए।"  उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बदलते विश्व में योगदान पर चर्चा की और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। हमें इसके सकारात्मक पहलुओं को स्वीकार कर अपने कार्यों में समावेश करना चाहिए। 

असिस्टेंट डायरेक्टर रिसर्च डॉ प्रदीप गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज और शिक्षा जगत के बीच सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनसे विद्यार्थियों को ज्ञान और कौशल दोनों का विस्तार हो सके। 

इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी एल जागीड ने कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक और प्रबंधन क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने तकनीकी प्रगति और नैतिक मूल्यों के संतुलन की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। सम्मेलन का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने सभी में देशभक्ति और सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरणा का संचार किया। कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ प्रकृति पोरवाल और मेहवश बलूच द्वारा किया गया।

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